
मुख्यमंत्री श्री साय ने अखिल भारतीय विद्युत मजदूर महासंघ के 18वें त्रैवार्षिक अधिवेशन को किया संबोधित
रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर के गुढ़ियारी में आयोजित अखिल भारतीय विद्युत मजदूर महासंघ के 18वें त्रैवार्षिक अधिवेशन में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री श्री साय ने अधिवेशन में 21 राज्यों से आए श्रमवीरों का प्रभु श्रीराम के ननिहाल में स्वागत किया और उन्हें हनुमान जयंती की शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि देशभर से आए श्रमवीरों ने यहाँ आकर एकता और सामंजस्य का बड़ा संदेश देने का कार्य किया है। श्री साय ने कहा कि प्रभु श्रीराम ने 14 वर्षों के वनवास में से 10 वर्ष यहाँ बिताए, जो प्रदेश के लिए गर्व का विषय है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब देश में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की पहली सरकार का गठन हुआ था, तब उन्होंने श्रम राज्य मंत्री के रूप में श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए थे। उन्होंने कहा कि श्रमिकों के लिए न्यूनतम पेंशन निर्धारित की गई और पीएफ की अनक्लेम राशि का उपयोग श्रमिकों के हित में किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान समय में बिजली की महत्ता को सभी भली-भाँति समझते हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में बिजली सरप्लस है, लेकिन आने वाले समय में बिजली की बढ़ती मांग को देखते हुए विद्युत उत्पादन क्षमता बढ़ाने की दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा है। हाल ही में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने प्रदेश में 1350 और 850 मेगावाट की दो विद्युत परियोजनाओं की सौगात दी थी।
श्री साय ने आगे बताया कि ऊर्जा के क्षेत्र में 3 लाख 50 हज़ार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के माध्यम से प्रदेश में हर घर तक बिजली पहुँचाने का कार्य किया जा रहा है। इस पहल से हम हाफ बिजली से मुफ्त बिजली देने की ओर बढ़ रहे हैं और योजना के लिए राज्य सरकार ने सब्सिडी देने का बजट में प्रावधान भी किया है।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर श्रमिकों के कल्याण के लिए आजीवन समर्पित रहे श्री दत्तोपंत ठेंगड़ी का पुण्य स्मरण करते हुए उनके योगदानों को नमन किया।
इस अवसर पर अखिल भारतीय विद्युत मजदूर महासंघ के मंत्री और प्रभारी श्री राधेश्याम जायसवाल, श्री मधुसूदन जोशी, श्रीमती शोभा सिंहदेव सहित देशभर के 21 राज्यों से आए विद्युत श्रमिक उपस्थित थे।