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विज्ञान को मातृभाषा में समझना सरल : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

हिंदी में विज्ञान संप्रेषण को प्रोत्साहित करना आवश्यक
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने किया राष्ट्रीय हिंदी विज्ञान सम्मेलन-2024 का शुभारंभ

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि विज्ञान को समझना सरल है। इस दिशा में कार्य करते हुए ही मध्यप्रदेश में मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में आरंभ की गई। हिंदी में विज्ञान संप्रेषण को प्रोत्साहित करने के लिए प्रत्येक स्तर पर वातावरण निर्मित करना आवश्यक है। विज्ञान भारती द्वारा इस दिशा में किए जा रहे प्रयास सराहनीय है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सीएसआईआर-प्रगत पदार्थ तथा प्रक्रम अनुसंधान संस्थान द्वारा आयोजित राष्ट्रीय हिंदी विज्ञान सम्मेलन-2024 के शुभारंभ अवसर पर यह बात कही। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया तथा एम्प्री के अर्धवार्षिक प्रकाशन “अनुसंधान संदेश” तथा राष्ट्रीय हिंदी विज्ञान सम्मेलन-2024 की स्मारिका का विमोचन किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय योग खिलाड़ी श्री शुभम शर्मा ने योग के विभिन्न आसनों का प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कवि, साहित्यकार तथा शिक्षाविद् डॉ. संतोष चौबे को आचार्य प्रफुल्ल चंद्र रे विज्ञान संवर्धन सम्मान से सम्मानित भी किया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विज्ञान से संबंधित तकनीकी शब्दों के हिंदी में अनुवाद से विज्ञान का जन-सामान्य में सम्प्रेषण बढ़ेगा और विज्ञान संबंधित जिज्ञासाएं बढ़ेंगी और विषय को समझना सरल होगा। उन्होंने कहा कि व्यवहारिक ज्ञान के आधार पर किए गए नवाचार को भी सम्मानित किया जाना चाहिए। पराधिनता ने देशवासियों को अपने गुणों को पहचानने में ही असमर्थ बना दिया था, लेकिन अब बदलते परिवेश के साथ हिंदी की महत्ता न केवल देश अपितु दुनिया में स्थापित हो रही है। अपने संस्कार और परम्पराओं के सम्मान स्वरूप ही विश्वविद्यालयों के कुलपति को कुलगुरू का नाम देकर युवा पीढ़ी को गुरूओं से भावनात्मक रूप से जोड़ने का प्रयास किया गया है। इसी प्रकार शिक्षक दिवस के साथ ही गुरू पूर्णिमा पर गुरू को सम्मानित करने की हमारी सांस्कृतिक परम्परा को निरंतरता प्रदान की जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राष्ट्रीय हिंदी विज्ञान का यह चौथा सम्मेलन निश्चित रूप से विज्ञान के क्षेत्र में हिंदी के उपयोग को प्रोत्साहित करेगा और हम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हिंदी विज्ञान सम्मेलन के आयोजन की ओर अग्रसर होंगे।

हिंदी भाषा के माध्यम से विज्ञान और प्रौद्योगिकी को लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य से सीएसआईआर-प्रगत पदार्थ तथा प्रक्रम अनुसंधान संस्थान (एम्प्री) भोपाल द्वारा विज्ञान भारती मध्य भारत प्रांत, मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, मध्यप्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय, अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय भोपाल और सीएसआईआर-राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं नीति अनुसंधान संस्थान निस्पर नई दिल्ली के सहयोग से अमृतकाल में राष्ट्रीय वैज्ञानिक चेतना के उन्नयन के लक्ष्य के साथ 2 दिवसीय राष्ट्रीय हिन्दी विज्ञान सम्मेलन आयोजित किया गया है। सम्मेलन में 30 समानांतर सत्रों में विज्ञान एवं तकनीक पर 300 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किए जा रहे हैं।

 

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