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फर्जी पैन कार्ड मामले में आजम खान और बेटे अब्दुल्ला को 7 साल की सजा, एमपी एमएलए कोर्ट ने सुनाया फैसला

रामपुर। सपा के नेता और यूपी के पूर्व मंत्री आजम खान और उनके बेटे और पूर्व सपा विधायक अब्दुल्ला आजम को दो पैन कार्ड मामले में रामपुर के एमपी/एमएलए कोर्ट ने सोमवार को दोषी ठहराया। दोनों को कोर्ट ने सात साल कैद की सजा के अलावा 50-50 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुना दी।

कोर्ट के फैसले के बाद आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को कस्टडी में लिया गया। ट्रायल कोर्ट के फैसले से आजम खान और उनके बेटे की मुश्किल और बढ़ गई है। दोनों को अब जमानत के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका देनी होगी। 27 महीने सीतापुर जेल में रहने के बाद आजम खान बीते दिनों ही जमानत पर बाहर आए थे।

दो पैन कार्ड के केस समेत आजम खान के खिलाफ कुल 104 मामले दर्ज हुए थे। इनमें से 12 केस में फैसला आ चुका है। इनमें से सात केस में आजम खान को सजा हो चुकी है। जबकि, पांच मामलों में आजम खान को कोर्ट ने बरी कर दिया था।

आजम खान को सजा सुनाए जाने के वक्त कोर्ट में रामपुर से बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना भी मौजूद थे। जबकि, बाहर बड़ी तादाद में बीजेपी और सपा के कार्यकर्ताओं की भीड़ लगी थी। बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना ने दो पैन कार्ड मामले में रामपुर की सिविल लाइंस कोतवाली पुलिस से शिकायत की थी।

आकाश सक्सेना ने आरोप लगाया था कि आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम के पैन कार्ड में 1 जनवरी 1993 की जन्मतिथि है। जो उनके शैक्षिक प्रमाणपत्र के आधार पर सही है। इस पैन कार्ड के नंबर का हवाला देते हुए अब्दुल्ला आजम ने इनकम टैक्स रिटर्न भी भरे।

बीजेपी विधायक ने ये आरोप लगाया कि साल 2017 में जब अब्दुल्ला आजम ने स्वार टांडा विधानसभा सीट से नामांकन किया, तो दूसरा पैन कार्ड लगाया। ये पैन कार्ड कूटरचित था। आरोप लगाया गया कि अब्दुल्ला ने आजम खान के साथ साजिश के तहत नामांकन के वक्त अपनी उम्र छिपाने के लिए 30 सितंबर 1990 की जन्मतिथि वाला पैन कार्ड दाखिल किया। ताकि अयोग्यता न हो।

सक्सेना ने आरोप लगाया कि अब्दुल्ला आजम ने कूटरचित झूठा दस्तावेज तैयार किया। जिसके आधार पर चुनाव लड़कर विधायक बने। इस शिकायत पर रामपुर पुलिस ने आजम खान और अब्दुल्ला आजम के खिलाफ धोखाधड़ी और साजिश रचने के अलावा और भी कई धाराओं में केस दर्ज किया था।

 

 

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