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मिजोरम में जेडपीएम को बहुमत, जोरमथांगा ने राज्यपाल को सौंपा इस्तीफा





आइजोल। मध्यप्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के बाद अब मिजोरम में विपक्षी दल जोरम पीपुल्स मूवमेंट यानी जेडपीएम की सरकार बनने जा रही है। जेडपीएम ने मिजोरम विधानसभा की 40 सीटों में से 27 सीटें जीतकर बहुमत हासिल कर लिया है। एमएनएफ के अध्यक्ष और मौजूदा सीएम जोरमथांगा ने राजभवन में राज्यपाल डॉ. हरि बाबू कंभमपति को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।

जेडपीएम को कोलासिब, चालफिल, तावी, आइजोल नॉर्थ-2, आइजोल वेस्ट-1, आइजोल वेस्ट-2, आइजोल वेस्ट-3, आइजोल नॉर्थ-1, आइजोल नॉर्थ-2, आइजोल साउथ-1, आइजोल साउथ-2, आइजोल साउथ-3, लेंगटेंग, तुइचांग, ​​चम्फाई उत्तर, चम्फाई दक्षिण, तुइकुम, ह्रांगतुर्जो, दक्षिण तुईपुई, लुंगलेई पूर्व, लुंगलेई पश्चिम, लुंगलेई दक्षिण, लांग्टलाई पूर्व में जीत मिली है।

बीजेपी ने इस बार पहले से बेहतर प्रदर्शन करते हुए मिजोरम में 2 विधानसभा सीट जीती हैं। 3 राज्यों के बाद कांग्रेस की मिजोरम में भी दुर्गति हुई है। यहां उसका 1 प्रत्याशी ही जीता है। जबकि, राहुल गांधी ने दावा किया था कि मिजोरम में भी कांग्रेस की सरकार इस बार बनेगी। साल 2018 में एमएनएफ ने मिजोरम में 26 सीट हासिल की थीं। कांग्रेस को 5, जेडपीएम को 8 और बीजेपी को 1 सीट मिली थी।

इस बार एमएनएफ, कांग्रेस और जेडपीएम ने सभी 40 सीट पर प्रत्याशी उतारे थे। बीजेपी ने सिर्फ 23 सीटों पर ही चुनाव लड़ा। 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में तेलंगाना के बाद मिजोरम ही ऐसा दूसरा राज्य है, जहां सिटिंग सीएम को हार का सामना करना पड़ा है।

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