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बुलंदशहर में बोले पीएम मोदी- प्राण-प्रतिष्ठा का कार्य संपन्न हुआ अब राष्ट्र प्रतिष्ठा का समय





नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी गुरुवार को उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में 19,100 करोड़ रुपए विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। पीएम मोदी ने बुलंदशहर में दो स्टेशनों से मालगाड़ियों को हरी झंडी दिखाकर डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर न्यू खुर्जा-न्यू रेवाड़ी के बीच 173 किलोमीटर लंबी डबल लाइन विद्युतीकृत खंड का आगाज किया।

इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि ये हमारा सौभाग्य है कि देश ने कल्याण सिंह और उनके जैसे अनेक लोगों का सपना पूरा किया है लेकिन अभी भी सशक्त राष्ट्र निर्माण का और सच्चे सामाजिक न्याय का उनका सपना पूरा करने के लिए हमें अपनी गति बढ़ानी है। इसके लिए हमें मिलकर काम करना है। अयोध्या में मैंने राम लला के सान्निध्य में कहा था कि राम लला की प्राण-प्रतिष्ठा का कार्य संपन्न हुआ अब राष्ट्र प्रतिष्ठा को नई ऊंचाई देने का समय है।

पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के बाद के दशकों में लंबे समय तक भारत में विकास को केवल कुछ ही क्षेत्रों में सीमित रखा गया। देश का एक बहुत बड़ा हिस्सा विकास से वंचित रहा। उसमें भी उत्तर प्रदेश जहां देश की सबसे अधिक आबादी बसती थी, उस पर उतना ध्यान नहीं दिया गया। ये इसलिए हुआ क्योंकि लंबे समय तक यहां सरकार चलाने वालों ने शासकों की तरह बर्ताव किया। जनता को अभाव में रखने का, समाज में बंटवारे का रास्ता, उनको सत्ता पाने का सबसे सरल माध्यम लगा। इसकी कीमत उत्तर प्रदेश की अनेक पीढ़ियों ने भुगती है लेकिन साथ-साथ देश को भी इसका बहुत बड़ा नुकसान हुआ है।

पीएम मोदी ने कहा कि किसानों का हित हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। आज सरकार हर किसान परिवार के इर्द-गिर्द एक पूरा सुरक्षा कवच बना रही है। किसानों को सस्ती खाद मिलती रहे इसके लिए बीते वर्षों में हमारी सरकार ने लाखों करोड़ रुपये खर्च किए। दुनिया में आज यूरिया की जो बोरी 3000 रुपये तक की मिल रही है, भारत के किसानों को 300 रुपये से भी कम में मिल रही है।

उत्तर प्रदेश का बुलंदशहर पीएम मोदी के लिए काफी शुभ माना जाता है। बता दें कि ठीक 10 साल पहले 2014 के लोकसभा के चुनावों में भी पीएम मोदी ने लोकसभा चुनावों का सियासी बिगुल बुलंदशहर से ही फूंका था। इसीलिए कहा जा रहा है कि 2014 की तरह पीएम मोदी बुलंदशहर को न सिर्फ शुभ मान रहे हैं बल्कि चुनावी जनसभाओं की शुरुआत भी यहीं से कर रहे हैं।

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