श्रीलंका: रानिल विक्रमसिंघे ने ली राष्ट्रपति पद की शपथ

नई दिल्ली। रानिल विक्रमसिंघे ने आर्थिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंका के आठवें राष्ट्रपति के तौर पर आज शपथ ली। चीफ जस्टिस जयंत जयसूर्या ने संसद भवन परिसर में 73 वर्षीय विक्रमसिंघे को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई। राष्ट्रपति कार्यालय के अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि वे अब जल्द ही नए प्रधानमंत्री की नियुक्ति कर सकते है। बता दें कि कार्यवाहक राष्ट्रपति विक्रमसिंघे के राष्ट्रापति के चुनाव जीतने के बाद से ही राजधानी कोलंबो में प्रदर्शनकारी फिर से सड़क पर उतर गए है।
रानिल विक्रमसिंघे ने बुधवार को गुप्त मतदान द्वारा संसद का वोट जीतने के तुरंत बाद सदन को संबोधित किया। उन्होंने विपक्षी सांसदों सहित सभी विधायकों को एकजुट होने और साथ मिलकर काम करने का आह्वान किया। विक्रमसिंघे ने संसद में कहा कि हम अभी एक महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं। देश गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है और युवा व्यवस्था में बदलाव चाहते हैं। लोग भी चाहते हैं कि सभी सांसद एक साथ आएं और देश को इस संकट से निकाले।
बता दें कि बुधवार को हुए श्रीलंका के नए राष्ट्रपति के चुनाव में कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने आसान जीत दर्ज की। विपक्षी नेता साजिथ प्रेमदासा के नाम वापस लेने के बाद इस चुनाव में सिर्फ दो ही मुख्य उम्मीदवार बचे थे। जिसमें एक राजपक्षे परिवार के करीबी और कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे थे और दूसरा नाम सांसद डलास अलाहाप्पेरूमा का था। जिसमें विक्रम सिंघे ने 134 मत हासिल करते हुए आसान जीत दर्ज की।
गौरतलब है कि श्रीलंका की विपक्षी पार्टी के नेता साजिथ प्रेमदासा ने मंगलवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करते हुए कहा कि श्रीलंका का राष्ट्रपति चाहे कोई भी बने लेकिन भारत को इस मुश्किल वक्त में अपने पड़ोसी की मदद जारी रखना चाहिए। देश के इतिहास के सबसे गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंका को लगातार मदद करने वाला इस वक्त सिर्फ भारत ही एकमात्र देश है। यही वजह है कि श्रीलंका की जनता और वहां को राजनेता लगातार भारत से मदद की अपील कर रहे हैं।