Dec 12 2023 / 12:58 AM

मानव चेतना विकास केन्द्र में राज्य आनंद संस्थान के सहयोग से युवाओं को सीखाए गये आत्मनिर्भरता से खुशहाली और आनंद के तौर तरीके

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8 दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला संपन्न-देश के 22 शैक्षणिक संस्थाओं के युवाओं ने लिया भाग

इन्दौर। इंदौर के निकट स्थित मानव चेतना विकास केन्द्र में राज्य आनंद संस्थान आनंद विभाग मध्य प्रदेश सरकार द्वारा युवाओं के लिये 8 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में युवाओं को आत्मनिर्भरता से खुशहाली और आनंद के तौर तरीके समझाये और सीखाए गये। राज्य आनंद संस्थान द्वारा स्वीकृत दो वर्षीय अनुसंधान परियोजना के अंतर्गत प्रायोजित इस कार्यशाला में देश के 22 शैक्षणिक संस्थाओं से 56 प्रतिभाशाली युवा भाग लिया। यह कार्यशाला 21 अगस्त से प्रारंभ होकर 27 अगस्त तक चली।

अनुसंधान परियोजना के निदेशक डॉ. अभय वानखेडे़ ने बताया कि अस्तित्व मूलक मानव केन्द्रित चिंतन, सह अस्तित्ववाद की रोशनी में चेतना विकास मूल्य शिक्षा से विद्यार्थियों में आत्मनिर्भरता के आचरण का अध्ययन किया जाना संभव हो गया है, जिससे विद्यार्थियों में मानसिक, भावनात्मक और आर्थिक स्वतंत्रता का अध्ययन कर बौद्धिक समाधान और भौतिक समृद्धि को सुनिश्चित प्रत्येक मानव कर सकता है।

कार्यशाला के दौरान विद्यार्थियों ने जिंदगी से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न पूछें, जिसके तार्किक, व्यावहारिक, सार्वभौमिक और निरपेक्ष उत्तर संस्थापक मानव चेतना विकास केंद्र श्री अजय दायमा ने दिये। सीएम राइज स्कूल इंदौर की छात्रा कुमारी कृष्णा गुप्ता ने प्रश्न पूछते हुए ‘वर्तमान में पर्यावरण, समाज, परिवार और व्यक्ति की दुर्दशा को सुधारने के लिए हमे कैसे निर्णय लेने चाहिए “? भेरुलाल पाटीदार शासकीय पोस्ट ग्रेजुएट महाविद्यालय महू के छात्र कुमार हेमंत सिंह ने प्रश्न किया की हम अकेले अव्यवस्था से सुव्यवस्था कैसे ला सकते हैं “? गवर्नमेंट गर्ल्स पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की छात्रा कुमारी अर्चिन तिवारी ने प्रश्न किया की एक सम्पूर्ण व्यवस्था के मुख्य आयाम क्या होते हैं ? सीएम् राइज स्कूल सौसर के छात्र कुमार यश निम्बुलकर ने प्रश्न किया की भगवान को किसी ने देखा नहीं, तो भगवान को कैसे समझे? शिक्षा और कुशलता में क्या अंतर है? श्री गणेश विद्या मंदिर इंदौर विद्यालय के छात्र कुमार आशीष राठौर ने भी प्रश्न किये।

मानव चेतना विकास केंद्र पिवडाय इन्दौर में अपने अनुभव को प्रतिभागियों ने व्यक्त किये। दिल्ली पब्लिक स्कूल भोपाल के छात्र कुमार सत्यार्थ आर्य को मानव चेतना विकास केंद्र में बेझिझक प्रश्न पूछने का वातावरण बहुत अच्छा लगा। जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर की छात्रा कुमारी सृष्टि पटेल को मानव चेतना विकास केंद्र में परिवार और अपनत्व के भाव से बहुत प्रभावित हुई।

इस पूरे कार्यशला की विषय वस्तु को 12 सत्रों में विभक्त किया गया था। इन सभी सत्रों को केंद्र के युवाओं ने ही अपनी अभी तक की आत्मनिर्भरता के साथ जीने के प्रयास और अनुभव के आधार पर प्रस्तुत किया। सभी सत्रों का पूर्व और उपरांत आंकलन की जाँच और विश्लेषणात्मक अध्ययन किया गया।

मानव चेतना विकास केंद्र एक परिवार मूलक शैक्षणिक केंद्र है। यह विगत 15 वर्षों से मानवीय शिक्षा के लिए क्रियाशील है। केंद्र में भारत के 10 राज्यों से 120 सदस्य रहते है। यहाँ मुख्य रूप से मानव-मानव के साथ और मानव प्रकृति के साथ जीने का अस्तित्व सहज नियम को समझने, समझाने और जीने की शिक्षा प्राप्त करने का अवसर प्रदान किया जाता है। परिवार मूलक कार्यक्रम में अजय भैया के माता-पिता 88 वर्ष की उम्र में भी कार्यशाला में प्रेरणा के स्रोत हैं।

विशेष उल्लेखनीय है कार्यशाला में इंदौर के साहित्यकार मनोज शर्मा गांधी, प्राध्यापक देवी अहिल्या विश्वविद्यालय डॉ ममता चन्द्र शेखर, शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय इन्दौर डॉ अभया दायमा, प्रेरणा केन्द्र नवाचार गोष्ठी कक्ष इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक जिला अनूपपुर के विकास प्रेरक भास्कर रमण, कृषि महाविद्यालय इंदौर से प्रोफेसर मालवीय, भोपाल से राज्य आनंद संस्थान के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अखिलेश जी अर्गल, संचालक सत्यप्रकाश आर्य जी ने भी सभी छात्र-छात्राओं को मार्गदर्शन व प्रोत्साहित किया।

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