मध्यप्रदेश

नेशनल लोक अदालत हेतु इंदौर में कुल 67 खंडपीठों का गठन





इंदौर। इंदौर में 9 दिसम्बर को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया है। इस लोक अदालत में लंबित प्रकरणों का आपसी सहमति एवं सुलह के आधार पर निराकरण किया जायेगा। यह लोक अदालत राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार एवं प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री बी.पी. शर्मा के मार्गदर्शन में किया जायेगा। नेशनल लोक अदालत हेतु इंदौर में कुल 67 खंडपीठों का गठन किया गया है।

नेशनल लोक अदालत में विभिन्न न्यायालयों में लंबित प्रकरण राजीनामे हेतु रखे गये हैं, जिनके अंतर्गत राजीनामा योग्य आपराधिक 1690, सिविल 1078, मोटर दुर्घटना क्लेम 1753, विद्युत 2930, चेक बाउंस 7560, बैंक रिकवरी 03, वैवाहिक 439, अन्य 482 प्रकरणों के साथ ही बैंक रिकवरी 50422, विद्युत 655, व अन्य 12449 से संबंधित प्री-लिटिगेशन प्रकरण राजीनामे के आधार पर निराकरण हेतु रखे जा रहे हैं।

उक्त नेशनल लोक अदालत में न्यायालय में लंबित एवं प्री-लिटिगेशन प्रकरणों के निराकरण हेतु जिला न्यायालय, इन्दौर में 44 खण्डपीठ, श्रम न्यायालय की 01 खंडपीठ, कुटुम्ब न्यायालय में 05 खंडपीठ, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग, इन्दौर में 02 खंडपीठ तथा तहसील डॉ. अम्बेडकर नगर में 08 खंडपीठ, देपालपुर में 03 खंडपीठ, हातोद में 01 खंडपीठ एवं सांवेर में 03 खंडपीठ इस प्रकार कुल 67 खंडपीठ का गठन किया गया है।

उक्त लोक अदालत में विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 126 एवं 135 के अतर्गत निम्नदाब श्रेणी के समस्त घरेलू, समस्त कृषि, 5 किलोवाट भार तक के गैर घरेलू, 10 अश्वशक्ति भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं को नियम एवं शर्तों के अधीन प्रीलिटिगेशन एवं लीटिगेशन स्तर पर छूट दी जाएगी। नगर निगम द्वारा संपत्ति एवं जलकर के सरचार्ज में राहत दी जा रही है। साथ ही लोक अदालत में राजीनामे के आधार पर प्रकरण के निराकरण पर पक्षकार अदा की गई कोर्ट फीस शासन से वापस प्राप्त कर सकेंगे, इसी प्रकार चेक बाउंस के मामलों में भी समझौता शुल्क में विवेकानुसार छूट रहेगी।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, इन्दौर द्वारा ऐसे सभी व्यक्तियों से जिनके राजीनामा योग्य प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है या प्रीलिटिगेशन मामले हैं उनसे अपील की गई है कि 09 दिसम्बर, 2023 को न्यायालय परिसर में उपस्थित होकर सुलह समझौते के आधार पर अपने प्रकरण का निराकरण कराने हेतु लोक अदालत में उपस्थित होवें।

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