Dec 09 2023 / 1:07 AM

नवरात्रि के छठे दिन ऐसे करें मां कात्यायनी की पूजा, जानिए कथा और पूजा विधि

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इन दिनों नवरात्रि का पावन पर्व चल रहा है। हिन्दू धर्म मे इस त्यौहार का काफी महत्त्व है। शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि की छठी तिथि को मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। मां दुर्गा का छठा स्वरूप बहुत ही करुणामयी है। कहा जाता है कि मां दुर्गा ने अपने भक्तों की तपस्या को सफल करने के लिए यह स्वरूप धारण किया था।

पौराणिक कथा के अनुसार देवी दुर्गा ने महर्षि कात्यायन की तपस्या से प्रसन्न होकर के उनके घर में पुत्री के रूप में जन्म लिया था। महर्षि कात्यायन की पुत्री होने के कारण ही मां दुर्गा के इस स्वरुप का नाम कात्यायनी रखा गया। वहीं मां कात्यायनी ने दैत्य महिषासुर का वध किया तो उन्हें महिषासुर मर्दिनी भी कहते हैं। मां कात्यायनी की पूजा से सभी दुख दूर होते हैं।

इस विधि से करें मां कात्यायनी की पूजा
इस दिन पीला अथवा गुलाबी रंग का वस्त्र धारण करके ‘ॐ ह्रींग कात्यानी देव्ये नम:’ अथवा ‘ॐ ऐंग हीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे’ इन दोनों मंत्रों में से किसी एक मंत्र का जप करते हुए भगवती कात्यायनी की पूजा करें। निश्चित ही मनोरथ सिद्ध होंगे और साकार होंगे।

मां कात्यायनी की पूजा करने से बहुत ही आसानी से धन आगमन का स्त्रोत बनता है। इसके अलावा इस दिन कमल के फूल से मां की पूजा करनी चाहिए। मां को प्रसन्न करने के लिए शुभ मुहूर्त में कमल के फूल से हवन करें। वहीं कमल के फूल की माला मां को चढ़ाएं। क्योंकि मां को कमल का फूल अति प्रिय है। मां के कात्यायनी स्वरूप में उनकी एक भुजा में जहां तलवार है तो वहीं दूसरी भुजा में कमल का फूल है।

गोपियों ने की थी मां की पूजा
जिन लोगों का विवाह न हो रहा हो या फिर किसी काम में कोई अड़चन आ रही हो मां कात्यायनी की पूजा करने से वह अड़चन दूर होती है। सबसे पहले मां कात्यायनी की पूजा द्वापर युग में गोपियों ने भगवान श्रीकृष्ण को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए किया था। उनकी पूजा सफल हुई भगवान श्री कृष्ण ने समस्त गोपियों को अपने पत्नी के रूप में स्वीकार किया।

जानें कैसे करें मां को प्रसन्न
नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा करने से, धन, अर्थ, काम एवं मोक्ष की प्राप्ति होती है। अर्थ आगमन की सहजता से मार्ग प्रशस्त होते हैं। ‘ओम एम हीम क्लीम चामुंडायै विच्चे’ अथवा ‘ओम ह्रिंग कात्यायनी देवये नम:’, इन मंत्रों का जप कर मां भगवती का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है।

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