कब है पद्मिनी एकादशी व्रत? जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

हिंदू धर्म में एकादशी तिथि को काफी अधिक महत्व दिया जाता है। एकादशी तिथि भगवान श्री हरि विष्णु को समर्पित होती है। कहते हैं एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। वैसे तो हर माह में दो बार दो एकादशी तिथि पड़ती है। पहली एकादशी तिथि कृष्ण पक्ष में और दूसरी शुक्ल पक्ष में। इस तरह से साल भर में कुल 24 एकादशी पड़ती हैं।
इस साल 2023 में अधिक मास भी है और 4 मई से शुरू हुए सावन के महीने के साथ ही इस वक्त अधिक मास चल भी रहा है। अधिक मास के शुक्ल पक्ष में जो एकादशी पड़ती है उसे पद्मिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। कई जगहों पर इसे पुरुषोत्तम एकादशी तो कई जगह पर इसे कमला एकादशी भी कहते हैं।
इस एकादशी को करने से व्यक्ति को सुख-सौभाग्य और समृद्धि मिलती है। इसके अलावा जो भी व्यक्ति इस दिन व्रत रखता है उसे भगवान विष्णु के साथ ही धन की देवी महालक्ष्मी की भी कृपा प्राप्त होती है। भगवान विष्णु की सबसे उत्तम तिथियों में से एक पद्मिनी एकादशी इस साल 2023 में 29 जुलाई को मनाई जाएगी।
पद्मिनी एकादशी शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार सावन अधिकमास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 28 जुलाई को दोपहर 2 बजकर 51 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 29 जुलाई को दोपहर 1 बजकर 5 मिनट पर होगा। उदयातिथि के अनुसार पद्मिनी एकादशी का व्रत 29 जुलाई, शनिवार के दिन रखा जाएगा। इस व्रत का पारण अगले दिन किया जाता है जो कि 30 जुलाई को होगा। पारण के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 41 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 24 मिनट तक रहेगा।
पद्मिनी एकादशी का महत्व
प्रत्येक एकादशी की तरह पद्मिनी एकादशी व्रत का भी खास महत्व माना गया है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है और इस दिन पूरे विधि-विधान के साथ भगवान विष्णु का पूजन किया जाता है। अधिकमास में आने वाली इस एकादशी का व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण होता है क्योंकि अधिकमास यानि मलमास में भगवान विष्णु की अराधना करने से वह प्रसन्न होते हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी के दिन व्रत रखने से व्यक्ति के सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। कहते हैं कि एकादशी का व्रत एक हजार यज्ञ के बराबर का पुण्य प्रदान करता है। इस लिए इस व्रत को पूरी श्रद्धा व भक्ति के साथ रखना चाहिए ताकि भगवान विष्णु प्रसन्न होकर आशीर्वाद दें।