कब है हल षष्ठी व्रत, जानें तिथि और शुभ मुहूर्त

भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को हलछठ यानी हलषष्ठी का त्योहार मनाया जाता है। इसे हरछठ, ललई छठ और ललही छठ भी कहते हैं। इस दिन माताएं संतान की लंबी आयु और उनकी सुख-समृद्धि के लिए यह उपवास करती हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन व्रत करने से मिला पुण्य संतान को संकटों से मुक्ति दिलाता है। इस साल हलषष्ठी का व्रत मंगलवार 5 सितंबर को किया जाएगा।
शुभ मुहूर्त
भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि की शुरुआत 4 सितंबर 2023 को शाम 04.42 बजे होगी और 5 सितंबर दोपहर 03.45 बजे इसका समापन होगा। ऐसे में उदयातिथि के मुताबिक हल षष्ठी का व्रत 5 सितंबर को रखा जाएगा। मान्यता है कि इस व्रत को रखने से संतान की आयु में वृद्धि होती है और हर मनोकामना पूर्ण होती है। इस दिन बलराम जी के साथ-साथ भगवान विष्णु और शिव परिवार की पूजा का विधान भी है।
पूजा विधि
हल षष्ठी की पूजा के लिए आटे से एक चौक बनाया जाता है। इसके बाद इसमें झरबेरी, पलाश की टहनी और कांस की डाल बांधकर गाड़ दी जाती है। इसके बाद षष्ठी देवी की पूजा की जाती है और उनकी पूजा में चना, गेंहू, जौ, धान, अरहर, मूंग, मक्का और महुआ का इस्तेमाल किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन खेती में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों की भी पूजा की जाती है।
हल षष्ठी के दिन कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए। इस दिन अन्न और फल नहीं खाया जाता और ना ही इस दिन गाय के दूध और दही का सेवन करना चाहिए। इस दिन चाहें तो सिर्फ भैंस का दूध और उससे बने दही का सेवन कर सकते हैं।
व्रत कथा?
एक बार एक ग्वालिन गर्भवती थी। उसका प्रसव समय भी काफी नजदीक था। लेकिन दूध और दही खराब ना हो जाए, इस डर से वो उन्हें बेचने निकल गई। रास्ते में ही उसे प्रसव पीड़ा शुरू हो गई जिसके बाद उसने झरबेरी की ओट में बच्चे के जन्म दिया। इसके थोड़ी देर बाद उसने बच्चे को वहीं छोड़ा और दूध दही बेचने निकल गई। उस दिन हल षष्ठी थी। ऐसे में गांववालों ने व्रत रखा हुआ था। ग्वालिन ने गांववालों को गाय और भैंस के मिले हुए दूध को सिर्फ भैंस का दूध बताकर बेच दिया जिससे गांववालों का व्रत भंग हो गया।
इसके बाद झरबेरी के नीचे पड़े उसके बच्चे को किसान का हल लग गया जिससे उसका पेट चिर गया। किसान ने चिरे हुए पेट पर झरबेरी के कांटों से टांके लगाए और वहां से चला गया। ग्वालिन दूध बेचने के बाद लौटी और अपने बेटे को उस हाल में देखा तो उसे अपना झूठ याद आया। उसने तुरंत वापस जाकर सभी गांववालों को सच बताया और माफी मांगी। इस पर सभी गांववालों ने उसे माफ कर दिया। इसके बाद ग्वालिन वापस अपने बच्चे के पास लौटी तो देखा उसका बच्चा खेल रहा था।