Jun 06 2023 / 6:03 PM

पुत्रदा एकादशी 2022: जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

Spread the love

सभी व्रतों में एकादशी का व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक है। कहते हैं कि एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति के पाप नष्ट हो जाते हैं और मृत्यु के बाद उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। हर माह के दोनों पक्षों में एकादशी आती है और सभी एकादशी का अपना अलग महत्व होता है। सावन के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है।

एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है। पुत्रदा एकादशी का व्रत संतान सुख और पुत्र प्राप्ति की कामना करते हुए रखा जाता है। मान्यता है कि पुत्र या संतान सुख की कामना के लिए सच्चे मन और पूरी श्रद्धा के साथ पूजा पाठ और व्रत करने से भक्तों की मनोकामनाएं जरूर पूर्ण होती हैं। बता दें कि इस बार पुत्रदा एकादशी का व्रत 8 अगस्त, सोमवार के दिन पड़ रहा है। इस दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ भोलेनाथ की कृपा भी प्राप्त होगी।

तिथि व शुभ मुहूर्त-

पंचाग के अनुसार सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस बार पुत्रदा एकादशी 8 अगस्त 2022, सोमवार के दिन पड़ रही है। एकादशी तिथि का प्रारंभ 7 अगस्त 2022, रविवार रात 11: 50 से शुरू हो रही है और अगले दिन 8 अगस्त को रात बजे तक एकादशी की तिथि रहेगी।

पूजन विधि-

जो दंपत्ति काफी समय संतान प्राप्ति की कामना कर रहे हैं उनके लिए यह व्रत काफी फलदायी माना गया है। इस दिन संतान प्राप्ति के लिए व्रत किया जाता है और जो जातक व्रत करता है उसे सुबह स्नान आदि कर हाथ में जल लेकर व्रत का संकल्प लेना चाहिए। ध्यान रखें कि इस दिन नहाने के पानी में गंगाजल अवश्य मिलाएं। इसके बाद एक चैकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं और भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित करें।

इसके बाद मूर्ति के समक्ष कलश की स्थापन करें और फिर उस कलश को लाल रंग के कपड़े से बांधकर पूजा करें। भगवान विष्णु को भी शुद्ध कर नए वस्त्र पहनाएं और घी का दीपक जलाएं। भगवान विष्णु का पूजन करने के बाद पुत्रदा एकादशी की कथा पढ़ें और आरती करें।

पुत्रदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु को सामर्थ के अनुसार पुष्प, नारियल, पान, सुपारी, लौंग और आंवला आदि अर्पित करें। साथ ही फल व मिठाई का भोग लगाएं और वह प्रसाद के तौर पर बांट दें। एकादशी के दिन रात्रि में सोना नहीं चाहिए, बल्कि रात में भजन कीर्तन करने चाहिए। इस दिन दीपदान का भी विशेष महत्व होता है।

Chhattisgarh