सारा वैश्विक आस्तिक-दर्शन कहता की, हमारे जीवन के सारे घटनाक्रम यानी सगे-संबंधी, खुशी-कष्ट-पीड़ा-मृत्यु सबकुछ पूर्व निर्धारित है. अगर हमसब किसी ऐसे नाटक के पात्र हैं जिसकी स्क्रिप्ट
जयपुर। नवाबों के शहर लखनऊ के स्वाद की प्रशंसा विश्वस्तरीय है। लखनऊ के खाने के स्वाद अब गुलाबी शहर जयपुर में "लखनवी फ़ूड फेस्टिवल" के रूप में उपलब्ध है। यह 19 मई को जयपुर मैरियट ह
सम्मोहन हमारे अचेतन मन से संबंधित है, और अचेतन मन का संबंध है चौथे अनाहत चक्र से है। अतः सम्मोहन का हमारे अनाहत चक्र से अंतर्संबंध निहित है। तथा सम्मोहन में हम शरीर को नींद में ले जान
एक महान आत्मा ने लिखा है : ध्यान विधि काम क्यों नहीं करती ? साधना पूरी क्यों नहीं होती? क्या जीवन भर साधते ही रहना है?
बहुत समय से ध्यान जारी है। कोई संतोषजनक परिणाम
हर बीमारी का समबन्ध किसी न किसी ग्रह से है जो आपकी कुण्डली में या तो कमजोर है या फिर दूसरे ग्रहों से बुरी तरह प्रभावित है यदि स्वास्थ्य सबसे बड़ा धन है तो आज धनवान कोई नहीं है हर व्यक्ति
अच्युत सामंत
आर्ट ऑफ़ गिविंग (एओजी) मेरे द्वारा प्रतिपादित जीवन का एक दर्शन है जो दुनिया में खुशी और शांति को बढ़ावा देने की इच्छा रखता है। यह इस आधार पर शुर
ब्रम्ह-मुहूर्त का सुबह चार बजे उठने से कोई संबंध नहीं है! ब्रम्ह मुहूर्त रात को कितने बजे से शुरू होता है? और ब्रम्ह मुहूर्त में उठने से आध्यात्मिक और शारीरिक रूप से क्या-क्या लाभ होत
आज करते हैं हदय केंद्र के खुलने और उसके विकास के संबंध में कुछ व्यावहारिक बातें, सूत्र है :
सिर के बिना होकर रहो। भाव करो कि बिना सिर के हो. सिर के बिना गति करो।
यह ब
गिनती की सांसे मिली हैं। इन्हें प्राणायाम में क्यों खर्च करें? श्वास की विधि में तो ज्यादा श्वासें खर्च होंगी। हमें गिनती की ही तो श्वासें मिली हैं। ऐसा कतिपय आत्मघातियों द्वारा कह
मेरा हाथ, मेरा पैर, मेरा सिर, मेरा प्राइवेट पार्ट, मेरा शरीर, मेरा प्रेमी/मेरी प्रेमिका, मेरा परिवार, मेरा समाज, मेरा संसार : सब पता है. लेकिन मैं कौन? यह नहीं पता है. खुद का पता नहीं, बात खु