व्यवसाय

ई-कॉमर्स निर्यात के लिए डीजीएफ़टी द्वारा ई कॉमर्स कंपनियों को बढ़ावा देने पर कैट ने उठाए सवाल





कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने देश से ई-कॉमर्स निर्यात को बढ़ावा देने हेतु देश भर के जिलों का लाभ उठाने के लिए ई-कॉमर्स खिलाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफ़टी) की आलोचना की है। कैट ने कहा कि यह विचार तो अच्छा है, लेकिन यह छोटे व्यवसायों और जिलों में स्थित निर्माताओं के हितों के लिए बहुत हानिकारक होगा क्योंकि यह आशंका है कि ई-कॉमर्स कंपनियाँ जिलों के छोटे व्यवसायों को अपने बिज़नेस मॉडल के अनुरूप अपने एकाधिकार के चंगुल में ले लेंगे।

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी.सी. भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने डीजीएफटी के इस कदम की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि ई-कॉमर्स नीति और नियमों के अभाव में, यह कदम आत्मघाती साबित होगा और ई कॉमर्स कंपनियों के पहले से चले आ रहे अपवित्र बिज़नेस मॉडल को मज़बूत करेगा क्योंकि अब यह साफ़ हो गया है कि विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियां देश के कानूनों का उल्लंघन कर रही हैं और ऐसे में डीजीएफटी का उन्हें समर्थन उनके बिजनेस मॉडल को वैधता प्रदान करेगा ज्ञातव्य है कि इन कंपनियों के ख़िलाफ़ सीसीआई और अन्य जांच एजेंसियों द्वारा काफी सवाल उठाए गये हैं और जाँच अभी भी पेंडिंग है।

श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल ने आगे कहा कि हमें निर्यात के लिए ई-कॉमर्स का लाभ उठाने में कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन यह सुनिश्चित करना होगा कि कानून के दायरे में रह कर ही ई कॉमर्स कंपनियाँ काम कर रहा है या नहीं।डीजीएफटी का यह कदम ई-कॉमर्स कंपनियों को ज़िला स्तर तक के उद्यमियों के महत्वपूर्ण डेटा सहित उनके व्यापार पर आधिपत्य जमाने के बड़े मौक़े देगा।

श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल ने कहा कि ऐसी घोषणा करने से पहले, डीजीएफटी ने स्टेकहोल्डर्स के साथ कोई परामर्श नहीं किया और न ही बोर्ड ऑफ़ ट्रेड में इस मुद्दे पर चर्चा की गई। श्री खंडेलवाल बोर्ड ऑफ़ ट्रेड के सदस्य हैं।

कैट ने आज केंद्रीय वाणिज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल से ई-कॉमर्स नीति और नियमों को तुरंत लागू करने का आग्रह किया है जिसे ई-कॉमर्स कंपनियों की मनमानी पर अंकुश लग सके। कैट ने श्री गोयल से यह भी आग्रह किया है कि नीति और नियम अधिसूचित होने के बाद ही डीजीएफटी के इस कदम को अमल में लाया जाए।

सरकार रखे ई-कॉमर्स कंपनियों पर पेंदी नजर

कैट प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र जैन ने बताया कि सरकार द्वारा ई-कॉमर्स कंपनियों के अलग नियम बनाएं गए है जबकि ई-कॉमर्स कंपनियों खुले आम उसका उल्लंघन करके अपना व्यापार कर रहे हैं। जिस पर सरकार को हर तरफ से नजर रखना बहुत ही जरूरी है।

व्यापार करने आए हैं तो फिर यह नुकसान किस बात का सरकार रखे नजर दीपक सेठी

कैट मध्य प्रदेश उपाध्यक्ष संदेश जैन, उपाध्यक्ष जितेंद्र पचौरी, प्रदेश सचिव दीपक सेठी, कैट प्रदेश कैट प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य (महिला विंग) सीमा सिंग चौहान एवं जबलपुर जिला अध्यक्ष रोहित खटवानी, जिला सचिव मनु शरत तिवारी ने कहा कि कैट विगत कई वर्ष से सरकार को सचेत कर चुकी है कि यह ई-कॉमर्स कंपनियों विगत कई वर्षा से अपने ऑडिट रिपोर्ट्स में कई करोड़ों का नुकसान देखती आ रही है । गलत तरीके से हिंदुस्तान में फंडिंग करके देश की अर्थव्यवस्था एवं छोटे व्यापारियों को नुकसान पहुंचाने का काम कर है। इसकी पूर्ण रूप से जांच होनी चाहिए।

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