Mar 27 2023 / 3:12 AM

उपेंद्र कुशवाहा ने फिर छोड़ा नीतीश का साथ, बनाई नई पार्टी

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पटना। उपेंद्र कुशवाहा की राहें एक बार फिर नीतीश से अलग हो गई है। वो अब नई राजनीतिक पार्टी बनाएंगे। दो दिनों की बैठक में सर्वसम्मति से ये फैसला लिया गया है। बैठक के बाद नई पार्टी बनाने को लेकर प्रस्ताव पारित किया गया है। उपेंद्र कुशवाहा ने जदयू की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।

सिंबल और पार्टी के नाम के लिए उपेंद्र कुशवाहा को अधिकृत किया गया है। नई पार्टी का नाम ‘राष्ट्रीय लोक जनता दल’ होगा। उपेन्द्र कुशवाहा इस पार्टी के राष्ट्रीय अध्य्क्ष होगें। इसके साथ ही उन्होंने यह ऐलान कर दिया है कि वो विधानपरिषद की सदस्यता से इस्तीफा देगें। इसी के साथ जदयू की प्राथमिक सदस्यता से भी उपेन्द्र कुशवाहा ने इस्तीफा दे दिया है। वहीं, बीजेपी के साथ दोस्ती के सवाल पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि यह उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सीखा है।

उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि नई राजनीतिक पारी की शुरुआत करने जा रहे हैं। मुझे जदयू के कार्यकर्ता अपनी परेशानी बता रहे थे। साथी नेताओं से मैंने बेचैनी को लेकर चर्चा की। दो दिनों तक मंथन के बाद हमने लिया फैसला। शुरुआत में लालू प्रसाद को जनसमर्थन मिला था। बाद के दिनों में लालू यादव में भटकाव आ गया। नीतीश कुमार को जनता ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपी थी।

कुशवाहा ने कहा कि 2005 के बाद नीतीश कुमार को उस विरासत को आगे बढ़ने का काम किया। लोगों में एक उम्मीद जगी। नीतीश कुमार ने अच्छा काम किया, लेकिन अंत में काम बहुत बुरा हुआ। जदयू के लिए बहुत बुरा हो रहा है। 2020 में वे नीतीश कुमार के साथ आ गए। क्योंकि उनको लगा अलग-अलग रहने से बिहार का बुरा होगा। नीतीश कुमार जिस राह पर हैं, वो रास्ता खराब है। नीतीश जी का फैसला पार्टी और जनता के लिए खराब है। मेरे पास जो था सब छोड़कर नीतीश के पास आया। नए गठबंधन के फैसले को भी हमने स्वीकार किया।

साथ ही जदयू से गठबंधन को लेकर भी उपेंद्र कुशवाहा ने सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोला। कुशवाहा ने कहा कि नए गठबंधन के फैसले को भी हमने स्वीकार किया। नीतीश कुमार के हाथ में गठबंधन होता तो अच्छा होता। ऐसी बात होने लगी कि जदयू के हाथ में नेतृत्व होगा।

उपेन्द्र कुशवाह ने कहा कि बिना किसी स्वार्थ के वे नीतीश जी के साथ आये। महागठबंधन बनने से पहले उन्होंने नीतीश कुमार से कमान अपने हाथ में रखने की सलाह दी थी, लेकिन कुछ ही दिन के बाद नीतीश कुमार ने राजद के एक नेता को आगे बढ़ाने की बात करने लगे। इससे उनके साथी चिंतित होने लगे। वैसे लोगों के हाथ में फिर से बिहार की कमान नहीं मिलनी चाहिए। जिसने बिहार के हाथ को मरोड़ने का काम किया। इसको लेकर सीएम से मिलकर चिंता जताई। पार्टी का जनाधार घटने लगा है। अब सीएम के पास कुछ नहीं है तो अब हिस्सा किस बात का मांगें। वो पूरी जायदाद किसी के पास गिरवी रख दिये हैं। सीएम पहले राजनीतिक निर्णय खुद लेते थे, लेकिन अब वो निर्णय लेने की स्थिति में नहीं है।

कुशवाह ने कहा कि सीएम अब तक अपना उत्तराधिकारी नहीं बना सके। उनके आस पास बैठने वाले लोग नहीं चाहते कि कर्पूरी ठाकुर के विचार को आगे बढ़या जाये। यही कारण है कि आज उनको पड़ोसी के घर से उत्तराधिकारी खोजना पड़ रहा है। हम लोगों ने तय किया है कि इस विरासत को बर्बाद नहीं होने देंगें। इसी लिए नई पार्टी बनाने का निर्णय लिया है।

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