Jun 06 2023 / 7:24 PM

झुग्गीवासियों को मिला अपना घर, पीएम मोदी ने लाभार्थियों को सौंपी फ्लैट की चाबी

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को दिल्ली के झुग्गीवासियों को एक बड़ा तोहफा दिया। उन्होंने दिल्ली के कालकाजी में इन-सीटू स्लम रिहैबिलिटेशन प्रोजेक्ट के तहत स्लम में रहने वालों के पुनर्वास के लिए बनाए गए 3,024 EWS फ्लैटों का उद्घाटन किया। पीएम मोदी ने दिल्ली के विज्ञान भवन में एक कार्यक्रम में भूमिहीन कैंप में पात्र लाभार्थियों को उनके घर की चाबियां सौंपी। 14 मंजिला इन टावरों में किसी सोसाइटी की तरह ही हर आधुनिक सुख सुविधा का साधन मौजूद है।

बता दें कि इस वक्त दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) द्वारा 376 झुग्गी झोपड़ी समूहों में इन-सीटू झुग्गी पुनर्वास का कार्य किया जा रहा है। पुनर्वास परियोजना का मकसद स्लम में रहने वालों को उनका खुद का घर देना, साथ ही उनके जीवन में सुधार करना है।

डीडीए द्वारा दक्षिण दिल्ली के कालकाजी में इन-सीटू स्लम पुनर्वास योजना के तहत बनाए गए फ्लैटों की चाबियां पीएम मोदी ने उनके लाभार्थियों को दी। आज से झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों को अपना पक्का शानदार घर मिल गया। इन-सीटू स्लम पुनर्वास योजना के तहत पहले फेज में शॉर्ट लिस्टिड हुए लोगों को आज घर मिला। आज झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले 575 लोगों को उनके नए आशियाने की चाबी दी गई। इन फ्लैटों के निर्माण में लगभग 345 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।

इस पुनर्वास परियोजना का मकसद झुग्गी झोपड़ी में रहने वालों को हाईटेक सुविधाओं के साथ एक बेहतर घर देना है। साथ ही दशकों से झुग्गियों में रह रहे लोगों को एक हेल्दी एनवायरनमेंट देने की कोशिश है जिससे इनके जीवन स्तर में सुधार आ सके। परियोजना का पहला चरण पूरा हो चुका है।

इस पूरी योजना में सबसे खास बात ये है कि इन फ्लैटों का आवंटन लोगों को मालिकाना हक भी देगा यानी यहां रहने वाले लोग अपने घर में मालिक होंगे। हर बेघर को मिले अपना घर ये पीएम मोदी का सपना है। केंद्र और राज्य सरकारें लगातार ऐसे लोगों को घर देने का काम कर रही हैं जिनके पास अपना घर नही है और वो स्लम एरिया में रहने को मजबूर हैं।

पीएम आवास योजना में डीडीए ने कालकाजी एक्सटेंशन, जेलोरवाला बाग और कठपुतली कॉलोनी में ऐसी तीन परियोजनाएं शुरू की हैं। कालकाजी विस्तार परियोजना में कालकाजी भूमिहीन शिविर, नवजीवन शिविर और जवाहर शिविर की तीन स्लम क्लस्टरों का पुनर्वास चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है जिसके पहले फेज में पास की खाली जमीन पर 3024 EWS फ्लैटों का निर्माण किया गया है।

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