Sep 23 2023 / 11:21 PM

यूनिफॉर्म सिविल कोड पर बोले पीएम मोदी- एक घर दो कानूनों से नहीं चलता तो देश कैसे चलेगा

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नई दिल्ली। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को पांच नई वंदे भारत ट्रेनों की सौगात दी है जहां पीएम ने भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई। इसके बाद वह भाजपा के मेरा बूथ, सबसे मजबूत कार्यक्रम में पहुंचे और कार्यक्रम को संबोधित किया।

इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड का जिक्र भी किया और कहा कि कहा कि सियासी फायदे के लिए विपक्ष समान नागिरक संहिता का इस्तेमाल कर रहा है। नागरिक संहिता के नाम पर लोगों को भड़काया जा रहा है। पसमांदा मुसलमान राजनीति के शिकार हैं और उन पर जुल्म हो रहे हैं। पिछड़े मुसलमानों के साथ पहले भेदभाव किया गया, लेकिन किसी ने उनके साथ हुए भेदभाव का कभी जिक्र क्यों नहीं किया?

पीएम मोदी ने इस दौरान यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) से लेकर ट्रिपल तलाक समेत कई मुद्दों पर विपक्षी दलों को घेरा। पीएम मोदी ने देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर कहा कि जिस तरह एक घर दो कानूनों से नहीं चल सकता। ठीक उसी तरह से एक देश में दो कानून नहीं हो सकते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जो लोग तीन तलाक की वकालत करते हैं वे वोटबैंक के भूखे लोग हैं, और वे मुस्लिम महिलाओं के साथ अन्याय कर रहे हैं। तीन तलाक पूरे परिवार को नष्ट कर देता है। मुस्लिम बहुल देशों ने भी तीन तलाक पर प्रतिबंध लगा दिया है। हाल ही में, मैं मिस्र में था। उन्होंने लगभग 80-90 साल पहले तीन तलाक को खत्म कर दिया था।

प्रधानमंत्री ने 23 जून को पटना में विपक्षी दलों की हुई महाबैठक को लेकर भी तंज कसा। पीएम मोदी ने कहा कि कुछ लोग सिर्फ अपने ही दल के लिए जीते हैं, दल का ही भला करना चाहते हैं और वो ये सब इसलिए करते हैं क्योंकि उन्हें भ्रष्टाचार का, कमीशन का, कट मनी का हिस्सा मिलता है। उन्होंने जो रास्ता चुना है उसमें ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती और ये रास्ता है तुष्टिकरण का रास्ता है।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि तुष्टिकरण का यह रास्ता कुछ दिन के लिए फायदा दे सकता है, लेकिन देश के लिए खतरा है। महाविनाशक है। यह देश के विकास को रोक देता है। उन्होंने कहा कि एक तरफ इस तरह के लोग तुष्टिकरण के जरिए अपने स्वार्थ के लिए छोटे-छोटे कुनबे दूसरों के खिलाफ खड़े कर देते हैं और दूसरी तरफ हम भाजपा के लोग हैं। हमारे संस्कार अलग हैं, हमारे संकल्प बड़े हैं और हमारी प्राथमिकता पहले देश है। हम मानते हैं कि जब देश का भला होगा तो सबका भला होगा। देश का भला करने का रास्ता तुष्टिकरण नहीं, संतुष्टिकरण है।

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