क्षेत्रीय पंचायती राज परिषद में बोले पीएम मोदी- टीएमसी ने पंचायत चुनाव में खेला खूनी खेल

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पश्चिम बंगाल के क्षेत्रीय पंजायती राज परिषद को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने टीएमसी समेत पूरे विपक्षी गठबंधन को जमकर घेरा। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, हमने संसद में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को हराया। पीएम मोदी ने कहा कि हमने पूरे देश में नकारात्मकता फैलाने वालों को करारा जवाब दिया।
इसके साथ ही मोदी ने अविश्वास प्रस्ताव के वक्त विपक्ष के सदन से जाने पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि विपक्ष के सदस्य बीच में ही संसद छोड़कर चले गए। सच तो यह है कि वे अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से डर रहे थे। पीएम मोदी ने कहा कि सच्चाई ये थी कि विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से डर गया था। वो लोग नहीं चाहते थे कि वोटिंग हो। क्योंकि वोटिंग होती तो घमण्डिया गठबंधन की पोल खुल जाती, कौन किसके साथ है, ये दूध का दूध, पानी का पानी हो जाता।
इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे बीजेपी के कार्यकर्ता पश्चिम बंगाल के उस पुराने वैभव को लाने के लिए काम कर रहे हैं। इसी के साथ पीएम ने बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस पर भी जमकर निशाना साधा। पीएम मोदी ने कहा कि, अभी-अभी वहां पंचायत चुनाव हुए इस चुनाव में टीएमसी ने कैसा खूनी खेल खेला, ये भी देश ने देखा है। चुनाव में इनका तरीका क्या है, पहले तो चुनाव की तैयारी के लिए समय मत दो, जल्दी-जल्दी फॉर्म भरने की तारीख घोषित कर दो। फिर कोई भी विरोध दल का, कोई भी बीजेपी का कोई व्यक्ति पर्चा ही न भर सके, इसके लिए जो कुछ भी कर सकते हैं करो।
पीएम मोदी ने कहा कि मेरा हमेशा से मानना है कि पूर्वी भारत में देश के विकास का एक मजबूत स्तंभ, एक मजबूत इंजन का पूरा पूरा सामर्थ्य है। उन्होंने कहा कि वहां प्राकृतिक संसाधनों की भरमार है और वहां हमारे तेजस्वी, ऊर्जावान एवं ओजस्वी नागरिकों का भी एक बहुत बड़ा सामर्थ्य है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इसलिए पूर्वी भारत के आप सभी प्रतिनिधियों से मिलना, बात करना अपने आप में बहुत अहम हो जाता है।
पीएम मोदी ने कहा कि सत्र शुरू होने से पहले देश के गृहमंत्री ने इन राजनीतिक दलों को चिट्ठी लिखकर कहा था कि वो तत्काल मणिपुर की चर्चा करना चाहते हैं और अकेले मणिपुर पर विस्तृत चर्चा हो ये जरूरी है। उन्होंने कहा कि इतने संवेदनशील विषय पर पक्ष-विपक्ष में बात होती तो मणिपुर के लोगों को भी मरहम लगता। मोदी ने कहा कि ये लोग मणिपुर पर चर्चा नहीं चाहते थे, क्योंकि उनको मालूम था कि मणिपुर का सच सबसे ज्यादा उनको चुभने वाला है। उनको मणिपुर के नागरिकों के दुःख-दर्द और पीड़ा की परवाह नहीं थी।