बिहार में जातीय जनगणना को पटना हाईकोर्ट से मिली मंजूरी, सभी याचिकाएं खारिज

नई दिल्ली। बिहार सरकार को पटना हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अब बिहार सरकार राज्य में जातिय जनगणना करवा सकती है। दरअसल, पटना हाईकोर्ट ने आज सुनवाई के दौरान उन सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया, जो कि बिहार सरकार के जातीय जनगणना कराए जाने के फैसले के खिलाफ दाखिल की गई थीं।
इसके खिलाफ पटना हाईकोर्ट में 6 याटिकाएं दायर की गई थीं। कोर्ट इसपर सुनवाई करते हुए 4 मई को अस्थाई रोक लगाई थी। फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने मामले को वापस पटना हाई कोर्ट भेजा दिया था। इसके बाद 5 दिनों तक इस पर हाई कोर्ट में सुनवाई चली। 7 जुलाई को कोर्ट ने इस पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। पटना हाईकोर्ट ने आज फैसला सुनाते हुए जातीय जनगणना पर लगी रोक हटा दी है।
जातीय जनगणना पर रोक लगाने के लिए दायर की गई याचिकाओं में कहा गया था कि इससे जनता के निजता के अधिकार को उल्लंघन होगा। राज्य सरकार सर्वेक्षण के नाम पर जातीय जनगणना कर रही है जो इसके अधिकार क्षेत्र में नहीं है। इसके साथ ही सरकार ने इस गणना को करवाने का उद्देश्य नहीं बताया है, इससे लोगों की संवेदनशील जानकारी के दुरुपयोग होने की संभावना है।
वहीं, बिहार सरकार की ओर से पटना हाईकोर्ट में कहा गया कि यह राज्य की नीतिगत निर्णय है, जिसके लिए बजटीय प्रावधान है। सरकार की ओर से ऐसी कोई भी जानकारी नहीं मांगी जा रही है जिससे लोगों के निजता के अधिकार का हनन होगा।