गुलाम नबी आजाद ने फिर बोला हमला, कहा- कांग्रेस में जो डॉक्टर हैं वह डॉक्टर नहीं बल्कि कम्पाउडर हैं

नई दिल्ली। गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस छोड़ने के बाद एक बार फिर से कांग्रेस पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी में राजनीतिक कौशल की कमी है और सियासत में एंट्री के बाद से ही कांग्रेस की यह स्थिति हुई है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में तो कांग्रेस वर्किंग कमेटी का भी कोई मतलब नहीं रह गया है। उन्होंने कहा, आज कांग्रेस वर्किंग कमेटी बेकार है। सोनिया गांधी के दौर में सिर्फ CWC होती थी। लेकिन बीते 10 सालों में इसके 25 सदस्य हो गए हैं और 50 विशेष आमंत्रित सदस्य भी होते हैं।
उन्होंने गांधी परिवार से अपने रिश्तों को याद करते हुए कहा कि इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और सोनिया गांधी सबको साथ लेकर और सबकी सहमति से सियासत करने में यकीन करते थे। लेकिन राहुल गांधी के साथ ऐसा नहीं है। वरिष्ठ नेता ने कहा, सोनिया गांधी ने 1998 से 2004 के दौरान सभी को साथ लेकर आगे बढ़ने का काम किया। वह बड़े नेताओं से सलाह लेती थीं। वह उन पर निर्भर थीं और उनकी सिफारिशें स्वीकार कर लेती थीं।
उन्होंने मुझे 8 राज्यों का जिम्मा दिया था और मैंने 7 में जीत दिलाई थी। वह कहीं भी दखल नहीं देती थीं। लेकिन जब से 2004 के बाद से राहुल गांधी की एंट्री हुई है, यह व्यवस्था समाप्त हो गई है। सोनिया गांधी की निर्भरता राहुल पर बढ़ गई है। लेकिन राहुल गांधी के पास कोई राजनीतिक कौशल ही नहीं है। सोनिया गांधी चाहती हैं कि हर कोई राहुल गांधी के साथ ही समन्वय बना ले।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले होने के कांग्रेस के आरोप पर भी उन्होंने पलटवार किया और राहुल गांधी का नाम लिए बगैर कहा कि जो संसद में भाषण देने के बाद प्रधानमंत्री से गले मिले, वह मोदी के साथ मिले या नहीं? उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस की नींव कमजोर हो गई है और वह कभी भी बिखर सकती है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, पहले वह अपने डीएनए की जांच कराएं। वह तो पहले फ्रीलांसर थे। वह बताएं कि पहले किस सरकार के कर्मचारी थे। वह हमारी पार्टी में नहीं थे। पहले वह अपनी जांच कराएं कि उनका डीएनए किस पार्टी का हैं।
आजाद ने कहा, सबसे ज्यादा अफसोस की बात यह है कि जो बाहरी हैं, जो चापलूसी करते हैं, उन्हें पद मिले हैं। कांग्रेस को ‘बीमार’ करार देते हुए उन्होंने कहा, मैं तो दुआ ही कर सकता हूं। मेरी दुआ से तो कांग्रेस ठीक नहीं हो सकती। उसके लिए दवा चाहिए। उसके लिए जो डॉक्टर हैं वह असल में डॉक्टर नहीं बल्कि कम्पाउंडर हैं।