एफपीओ वापस लेने के बाद गौतम अडानी का बयान, बोले- मेरे लिए निवेशकों का हित सबसे ऊपर

मुंबई। अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने 20000 करोड़ के एफपीओ को वापस लेने के फैसले के बाद इसकी वजह खुद बताई है। गौतम अडानी ने वीडियो जारी कर कहा है कि उनके लिए निवेशकों का हित सबसे बड़ा है। बाकी बातें उनको छोटी लगती हैं।
गौतम अडानी ने कहा कि पूरी तरह एफपीओ सब्सक्राइब हो गया था। इसे वापस लेने का फैसला चौंकाने वाला जरूर है, लेकिन शेयर बाजार में जिस तरह उतार-चढ़ाव हो रहा है, उसमें अदानी ग्रुप के बोर्ड ने तय किया कि एफपीओ पर आगे बढ़ना नैतिक तौर पर सही नहीं रहेगा। गौतम अडानी ने कहा कि 40 साल से ज्यादा वक्त से वो उद्यमी हैं। मेरी यात्रा में सभी हितधारकों और खासतौर पर निवेशकों ने बड़ा समर्थन दिया है।
उन्होंने कहा कि मेरे लिए स्वीकार करना जरूरी है कि जीवन में जो भी थोड़ा बहुत हासिल किया, वो निवेशकों के भरोसे की वजह से है। गौतम अडानी ने कहा कि मैं सारी सफलता का श्रेय निवेशकों को देता हूं। अडानी ग्रुप के चेयरमैन ने कहा कि उनके लिए निवेशकों का हित सबसे ऊपर है और बाकी सबकुछ गौण है। निवेशकों को किसी भी नुकसान से बचाने के लिए एफपीओ वापसी का फैसला किया गया।
गौतम अडानी ने कहा कि एफपीओ वापस लेने के फैसले से कंपनी की भविष्य की योजनाओं पर असर नहीं होगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सभी प्रोजेक्ट्स के काम और वक्त पर उन्हें पूरा करने पर अदानी ग्रुप ध्यान देता रहेगा।
हमारी कंपनी के फंडामेंटल मजबूत हैं। हमारी बैलेंस शीट मजबूत है और संपत्ति मजबूत है। हमारा एबिट्डा स्तर और नकदी प्रवाह बहुत मजबूत रहा है और हमारे पास अपने ऋण दायित्वों को पूरा करने का एक त्रुटिहीन ट्रैक रिकॉर्ड है। हम दीर्घकालिक मूल्य निर्माण पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखेंगे और विकास आंतरिक संसाधनों द्वारा प्रबंधित किया जाएगा। बाजार में स्थिरता आने के बाद हम अपनी पूंजी बाजार रणनीति की समीक्षा करेंगे।
उन्होंने आगे कहा, हमारा ईएसजी पर खासा फोकस है और हमारा हर बिजनेस जिम्मेदार तरीके से वैल्यू क्रिएट करता रहेगा। हमारे शासन के सिद्धांतों का सबसे मजबूत सत्यापन, कई अंतरराष्ट्रीय साझेदारियों से आता है, जिन्हें हमने अपनी विभिन्न संस्थाओं में बनाया है।
उन्होंने कहा, मैं इस अवसर पर एफपीओ को बेधड़क समर्थन देने के लिए देश के भीतर और बाहर के हमारे निवेश बैंकरों, संस्थागत निवेशकों और शेयरधारकों को धन्यवाद देता हूं। पिछले सप्ताह स्टॉक में उतार-चढ़ाव के बावजूद, कंपनी, इसके व्यवसाय और इसके प्रबंधन में आपका विश्वास और विश्वास हम सभी के लिए बेहद आश्वस्त और विनम्र रहा है। हमें पूरा विश्वास है कि भविष्य में भी हमें सहयोग मिलता रहेगा।
गौरतलब है कि जिस एफपीओ को अडानी की तरफ से वापस लिया गया है कि उसे मंगलवार तक पूरी तरह सब्सक्राइब कर लिया गया था। इसके बावजूद इसे वापस लेने और निवेशकों को पैसा लौटाने की एक वजह हिंडनबर्ग की वह रिपोर्ट मानी जा रही है, जिसकी वजह से अडानी ग्रुप की कई कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई।