सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बोले फडणवीस- महाराष्ट्र की मौजूदा सरकार पूरी तरह संवैधानिक

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की 5 सदस्यीय संविधान पीठ ने महाराष्ट्र विवाद को बड़ी बेंच को सौंप दिया है। अब 16 विधायकों के अयोग्यता मामले पर 7 जजों की बेंच विचार करेगी। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने राज्यपाल के फैसले को असंवैधानिक करार देते हुए कहा कि अगर उद्धव ठाकरे फ्लोर टेस्ट का सामना करने के बाद इस्तीफा देते तो उन्हें राहत मिल सकती थी।
इसके बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे व उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रेस वार्ता की। डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि आज सुप्रीम कोर्ट ने महा विकास अघाड़ी के मंसूबों पर पानी फेर दिया। महा विकास अघाड़ी की साजिश नाकाम हो गई। सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि महाराष्ट्र की मौजूदा सरकार पूरी तरह संवैधानिक है। जो लोग सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर अटकले लगाते हुए कहते थे कि हमारी सरकार जाएगी आज उन्हें जवाब मिल गया है।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि उद्धव ठाकरे को दोबारा मुख्यमंत्री नहीं बनाया जा सकता है। सदस्यता निरस्त किए जाने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि स्पीकर के पास अधिकार है कि वे फैसला लें। स्पीकर को यह अधिकार दिया गया है कि 10वीं अनुसूचि को ध्यान में रखते हुए यह तय करेंगे कि राजनीतिक पार्टी कौन सी है और फिर सदस्यता निरस्त किए जाने पर फैसला होगा।
पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे की इस्तीफा देने की मांग पर उन्होंने कहा कि नैतिकता की बात करना उद्धव ठाकरे को शोभा नहीं देता। मैं उनसे पूछता हूं कि भाजपा के साथ चुनकर आए और मुख्यमंत्री बनने के लिए कांग्रेस और NCP के साथ जब गए। तब नैतिकता को कौन से डब्बे में डाला था? उन्होने डर के कारण इस्तीफा दिया था।
वहीं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि नैतिकता की बात अब करने से अच्छा तब करनी चाहिए थी, जब चुनाव हुआ था। तब अगर लोगों का निर्णय देखते हुए नैतिकता की बात करते तो भाजपा-शिवसेना की सरकार बन जाती। लेकिन इन्होंने कुर्सी पाने के लिए फैसला लिया।