Oct 03 2023 / 11:51 PM

मोरक्को में हिली धरती, 296 लोगों की मौत, ढह गईं कई इमारतें

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नई दिल्ली। अफ्रीकी देश मोरक्को में भूकंप से तबाही मची है। 6.8 तीव्रता के इस भूकंप से भारी तबाही देखने को मिली है। भीषण भूकंप से लाशों का ढेर लग गया है। इसमें अभी तक 296 लोगों की मौत की खबर है। सैकड़ों लोग घायल हो गये है। भूकंप की वजह से कई इमारतें जमींदोज हो गईं हैं।

मोरक्को के स्टेट टेलीविजन ने बताया कि भूकंप का एपिसेंटर एटलस पर्वत के पास स्थित इघिल नाम का गांव था। यह माराकेश शहर से करीब 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जमीन से 18.5 किमी नीचे भूकंप की गहराई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पुर्तगाल और अल्जीरिया तक इस भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं।

भूकंप की वजह से कई इमारतें मलबे में तब्दील हो गईं हैं। बताया जा रहा है कि यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल माराकेच में लाल दीवारों के कुछ हिस्से भी भूकंप की वजह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, उत्तरी अफ्रीका में भूकंप आना काफी दुर्लभ है। यहां इससे पहले साल 1960 में अगादिर में 5.8 की तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें हजारों लोगों की जान चली गई थी।

भूगर्भ वैज्ञानिकों के अनुसार भूकंप आने की असली वजह टेक्टोनिकल प्लेटों में तेज हलचल होती है। इसके साथ ही उल्का प्रभाव और ज्वालामुखी विस्फोट, माइन टेस्टिंग और न्यूक्लियर टेस्टिंग के कारण भी भूंकप आता है। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर मापी जाती है। अगर स्केल पर 2.0 या 3.0 की तीव्रता होती है तो इसे हल्का भूकंप माना जाता है, वहीं तीव्रता 6 से अधिक होती हे तो इसे शक्तिशाली भूकंप माना जाता है।

बता दें कि भूकंप की तीव्रता का अंदाजा उसके केंद्र से निकलने वाली ऊर्जा की तरंगों से लगाया जाता है। ये लहर सैकड़ों किलोमीटर तक फैली होती है, जिससे कंपन होता है और धरती में दरारें पड़ जाती हैं। भूकंप का अगर कम गहराई पर होता है तो उससे बाहर निकलने वाली ऊर्जा सतह के काफी नजदीक होती है, जिससे तबाही ज्यादा होती है।

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