Dec 12 2023 / 12:31 AM

हिमाचल में बारिश से तबाही, 72 लोगों की मौत, 4 NH सहित 1328 सड़कें बंद

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नई दिल्ली। उत्तर भारत में लगातार बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त है। सबसे ज्यादा हिमाचल प्रदेश प्रभावित हुआ है। राज्य में बारिश से संबंधित अलग-अलग घटनाओं में पिछले दो सप्ताह में 72 लोगों की मौत हो चुकी है। हिमाचल में पिछले तीन दिनों से हो रही भारी बारिश तबाही का कारण बन गई है। नदी, नाले उफान पर है जगह-जगह भूस्खलन की घटनाएं अब आपदा का रूप ले चुकी है, 4 NH सहित 1328 सड़के बंद कर दी गई है। पिछले 2 दिनों में सामान्य से 110 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है।

कुल्लू-मनाली, मंडी और प्रदेश के ऊपरी इलाकों में हजारों लोग फंसे हुए हैं। अधिकतर जिलों में बिजली, फोन और इंटरनेट सेवा भी ठप है। कुल्लू में बादल फटने से 100 बीघा जमीन खड्ड में बदल गई। मनाली में कई वाहन बह गए। मंडी में ब्यास नदी उफान पर है। 113 घर खाली कराए गए। सात नेशनल हाईवे और 828 से ज्यादा सड़कें अब भी बंद हैं। ट्रेन और हवाई सेवाएं ठप हैं। जगह-जगह 403 बसें फंसीं हैं। हिमाचल हाईकोर्ट की सोमवार-मंगलवार छुट्टी कर दी गई है। डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। श्रीखंड महादेव की पवित्र यात्रा भी स्थगित कर दी गई है।

हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड से संबद्ध सरकारी, निजी स्कूलों में मानसून अवकाश को पुनर्निर्धारित और समय से पहले/समायोजित करने का निर्णय लिया है। छुट्टियों के दिनों की कुल संख्या समान रखने के लिए हरसंभव सावधानी बरती गई है, ताकि शिक्षण दिवस यथावत रहे। सरकार के आदेशों के अनुसार स्कूलों में मानसून ब्रेक 10 जुलाई से शुरू हो गया है। वहीं, राज्य में कार्यरत सीबीएसई, आईसीएसई व किसी अन्य शिक्षा बोर्ड से संबद्ध सरकारी, निजी स्कूल अपने स्तर पर अवकाश का फैसला ले सकते हैं।

इसी तरह मंडी में 673, शिमला 821, सिरमौर 447, लाहौल-स्पीति 206 व किन्नौर में 261 बिजली ट्रांसफार्मर बंद पड़े हैं। वहीं, भारी बारिश के चलते श्रीखंड महादेव की पवित्र यात्रा भी स्थगित कर दी है। बीच राह में टेंटों में फंसे यात्रियों को मौसम साफ होते ही वापस लाया लाएगा। मंडी के औट में कुछ पर्यटक फंसे हैं। सभी सुरक्षित बताए जा रहे हैं। लगघाटी के फलाण में बादल फटने से 100 बीघा जमीन बह गई है। सरकारी तार स्पेन भी क्षतिग्रस्त हो गया है।

सिरमौर जिले के नाहन में गिरी नदी के बीच टापू पर फंसे पांच लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। इनमें से एक व्यक्ति के बुखार से पीड़ित होने की सूचना मिलने पर हिमालय सर्वेइंग सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड पांवटा साहिब की मदद से ड्रोन से दवाएं गिराई गईं। हेलीकॉप्टर से लोगों को निकाला एयरलिफ्ट किया गया।

हिमचाल के साथ दिल्ली में भारी बारिश ने तबही मचाई है। आज मंगलवार को पुराने रेलवे ब्रिज पर यमुना नदी का जल स्तर 206.32 मीटर दर्ज किया गया है, जो खतरे के स्तर से ऊपर पहुंच चुका है। राजधानी दिल्ली में नदी का उच्चतम बाढ़ स्तर 207.49 मीटर दर्ज किया गया है। सावधानी के तौर पर पुराने रेलवे ब्रिज पर रेलवे और यातायात की आवाजाही रोक दी गई है।

बता दें कि सोमवार की शाम से यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। जल स्तर नीचे आने का अनुमान नहीं है। अगले 24 घंटे में यमुना के तटीय क्षेत्र जलमग्न होंगे, जिसका प्रभाव यमुना खादर में रहने वाले तकरीबन 40,000 लोगों पर पड़ेगा।

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