74वां गणतंत्र दिवस: कर्तव्य पथ पर सेना ने दिखाई ताकत, झांकियों में दिखी भारतीय संस्कृति की झलक

नई दिल्ली। भारत आज अपना 74वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। इस अवसर पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कर्तव्य पथ पर भारतीय सेनाओं ने ताकत दिखाई। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने तिरंगा फराया, फिर 21 तोपों की सलामी के साथ राष्ट्रगान हुआ। इसके बाद परेड की शुरूआत हुई। भारत की तीनों सेनाओं ने परेड के दौरान स्वदेशी हथियारों का प्रदर्शन किया। राज्यों और विभागों की 23 झांकियों ने कर्तव्य पथ पर परेड की शोभा बढ़ाई।
गणतंत्र दिवस परेड के दौरान एक विश्व रिकॉर्ड भी बना। सिग्नल कॉर्प्स के हवलदार सुजीद मोंडल ने 18 फीट ऊंची सीढ़ी से मोटरसाइकिल चलाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया। बता दें कि दुनिया में कभी भी बाइक पर इतनी ऊंचाई वाली सीढ़ी से सवारी नहीं की गई। इस परेड में स्वदेशी सैन्य पराक्रम और नारी शक्ति की ताकत नजर आई। जमीन पर टैंक ने दहाड़ लगाई, वहीं आसमान में राफेल समेत 50 विमानों ने उड़ान भर सैन्य शक्ति का प्रदर्शन किया।
इसमें राफेल, मिग-29, एसयू-30, सुखोई-30 एमकेआई जगुआर, सी-130, सी-17, डोर्नियर, डकोटा, एलसीएच प्रचंड, अपाचे, सारंग और एईडब्ल्यूएंडसी जैसे पुराने और आधुनिक विमान/हेलीकॉप्टर कर्तव्य पथ के ऊपर, बाज, प्रचंड, तिरंगा, तंगैल, वजरंग, गरुड़, भीम, अमृत और त्रिशूल समेत कई रूपों में उड़कर आसमान में गर्जना की। राफेल लड़ाकू विमान द्वारा वर्टिकल चार्ली युद्धाभ्यास किया गया।
परेड में ब्रह्मोस मिसाइल को भी शामिल किया गया। ब्रह्मोस मिसाइल हवा में ही रास्ता बदलने में सक्षम है। चलते-फिरते टारगेट को भी बर्बाद कर देता है। यह 10 मीटर की ऊंचाई पर उड़ान भरने में सक्षम हैं, यानी दुश्मन के राडार इसे देख ही नहीं पाएगा।
अर्जुन टैंक भारतीय सेना के पास साल 2004 से अब तक यह सर्विस दे रहा है। यह देश की सेना का मुख्य युद्धक टैंक है। देश में इन 120 मिलीमीटर बैरल वाले टैंकों की संख्या 141 है। अर्जुन टैंक के दोनों वैरिएंट से एक मिनट में 6 से 8 राउंड फायरिंग की जा सकती है। हर एक टैंक में 42 गोले रखे जा सकते हैं। इस घातक टैंक की रेंज 450 किलोमीटर है।
मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन, नाग मिसाइल सिस्टम (एनएएमआईएस), बीएमपी-2 एसएआरएटीएच का इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल, क्विक रिएक्शन फाइटिंग व्हीकल, K-9 वज्र-ट्रैक्ड सेल्फ-प्रोपेल्ड होवित्जर गन, ब्रह्मोस मिसाइल, 10 मीटर शॉर्ट स्पैन ब्रिज, मोबाइल माइक्रोवेव नोड और मैकेनाइज्ड कॉलम में मोबाइल नेटवर्क सेंटर और आकाश (नई पीढ़ी के उपकरण) ने दिखाई सेना की ताकत।
कर्तव्य पथ पर भारतीय संस्कृति की अद्भुत छटा देखने को मिली
23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की झांकिया कर्तव्य पथ पर प्रदर्शित की गईं। इनमें धर्म, संस्कृति, तकनीक और अक्षय ऊर्जा की थीम पर आधारित झांकियां प्रदर्शित की गईं, जिन पर लोगों की निगाहें टिकी रहीं।
उत्तराखंड की झांकी में वन्यजीवन, धार्मिक स्थलों को दर्शाया गया। उत्तराखंड की झांकी में जिम कार्बेट नेशनल पार्क में हिरण, मोर दिखाए गए। साथ ही जागेश्वर धाम को भी दर्शाया गया। इस झांकी में देवदार के पेड़ों को भी दर्शाया गया।
हरियाणा की झांकी गीता पर आधारित रही। जिसमें भगवान कृष्ण का विराट स्वरूप और कुरुक्षेत्र को दर्शाया गया। झांकी में रथ पर सवार भगवान कृष्ण गीता का उपदेश देते हुए दर्शाए गए। साथ ही भगवान कृष्ण का विराट रूप दिखाया गया। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, झांकी में महाभारत काल के दृश्यों को दर्शाया गया। बता दें कि हर साल हरियाणा के कुरुक्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन किया जाता है।
गुजरात की झांकी में अक्षय ऊर्जा पर फोकस किया गया। गणतंत्र दिवस पर कर्तव्य पथ पर निकाली गई गुजरात की झांकी में कच्छ की एंब्रॉयडरी, मिरर वर्क और अक्षय ऊर्जा उत्पादन को दर्शाया गया। गुजरात की झांकी में मोढेरा गांव को भी शामिल किया गया। बता दें कि मोढेरा देश का पहला गांव है, जो पूरी तरह से सौर ऊर्जा का इस्तेमाल करता है। झांकी के साथ चल रहे कलाकार गरबा करते नजर आए।
पश्चिम बंगाल की झांकी में दुर्गा पूजा को थीम बनाया गया। बंगाल की झांकी में कलाकार ढाक और धनूची के साथ मां दुर्गा के सामने नमन करते दिखे, जिससे कर्तव्य पथ पर दुर्गा पूजा का मनोहारी दृश्य बन गया। बंगाल की झांकी में स्थानीय संस्कृति और कला को भी दर्शाया गया। बता दें कि बंगाल की दुर्गा पूजा को यूनेस्को की इंटेंजिबल कल्चरल हेरिटेज लिस्ट में भी शामिल किया गया है। एक अधिकारी ने बताया कि झांकी में मां दुर्गा को महिला सशक्तिकरण के रूप में दर्शाया गया है। बीते साल केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल की झांकी को प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी थी, जिस पर विवाद भी हुआ था।
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की झांकी की थीम नशा मुक्त भारत रही। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, गृह मंत्रालय के अंतर्गत आता है। बता दें कि पहली बार एनसीबी की झांकी को गणतंत्र दिवस की झांकी में दिखाया गया है। झांकी में लोगों को नशे से दूर रहने की सलाह दी गई। गणतंत्र दिवस की झांकी में 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 23 झांकियां प्रदर्शित की गईं। इन झांकियों में देश की संस्कृति, आर्थिक और सामाजिक तरक्की को दर्शाया गया।
जम्मू कश्मीर की झांकी में वन्य जीवन और अमरनाथ गुफा की थीम को दर्शाया गया। साथ ही झांकी के साथ चल रहे कलाकारों ने राज्य की समृद्ध संस्कृति को प्रस्तुत किया।
कर्नाटक की झांकी में नारी शक्ति को दर्शाया गया। जिसमें समाज की सेवा के लिए जीवन पर्यंत काम करने वाली महिलाओं को कर्नाटक की झांकी में शामिल किया गया।
उत्तर प्रदेश की झांकी में अयोध्या और प्रदेश की ऋषि परंपरा को थीम बनाया गया था। इस झांकी में भगवान राम और माता सीता के वनवास से लौटने पर अयोध्या के लोगों द्वारा उनका स्वागत करते हुए दिखाया गया। साथ ही अयोध्या में दीपोत्सव समारोह के आयोजन की झलक भी झांकी में प्रस्तुत की गई।