अनुराग ठाकुर का राहुल गांधी पर निशाना, कहा- सपने में भी कभी वीर सावरकर नहीं बन सकते

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी वीर सावरकर पर दिए गए बयान को लेकर विवादों में घिरे हुए है। वीर सावरकर पर दिए बयान के बाद अब राहुल के खिलाफ बीजेपी हमलावर हो गई है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस तौर पर कांग्रेस नेता पर जोरदार प्रहार किया है। अनुराग ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस नेता अपने सबसे अच्छे सपने में भी कभी वीर सावरकर नहीं बन सकते हैं, क्योंकि इसके लिए दृढ़ संकल्प और देश के लिए प्यार की आवश्यकता होती है।
केंद्रीय मंत्री ठाकुर ने कहा कि राहुल गांधी कभी सावरकर नहीं हो सकते क्योंकि स्वतंत्रता सेनानी ने न तो साल में छह महीने विदेश यात्रा की और न ही अपने देश के खिलाफ विदेशियों से मदद मांगी। सूचना और प्रसारण मंत्री ने कहा, वह भारत माता को गुलामी की जंजीरों से मुक्त करने के लिए एक आंदोलन शुरू करने के लिए ब्रिटेन गए थे।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि आप वीर सावरकर पर नहीं अपनी दादी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर प्रश्न खड़े कर रहे हैं। वीर सावरकर जी के सम्मान में इंदिराजी का लिखा वह पत्र पढ़िए, वहां आपको आपके कुतर्क का जबाब मिल जाएगा। सावरकर से खुद की तुलना मत कीजिए।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने ट्वीट कर लिखा कि राहुल उन स्वातन्त्र्य वीर सावरकर का अपमान करते हैं, जिनकी किताब ‘भारत का प्रथम स्वातंत्र्य समर’ का पंजाबी में अनुवाद करवाकर बांटने के लिए खुद भगत सिंह जी वीर सावरकर जी से मिलने रत्नागिरी गए थे, और छापी भी।
उन्होंने लिखा कि फांसी से पहले भगत सिंह जिनकी दो दो किताबों से अपनी डायरी में नोट्स बना रहे थे, उन सावरकर का अपमान कोई नासमझ ही कर सकता है। अनुराग ठाकुर ने कहा कि सावरकर ने यह इज्जत ऐसे ही नहीं कमाई, उस दौर के जितने भी बड़े नेता थे। सावरकर की देशभक्ति और साहस के आगे नतमस्तक थे, यहां तक की कांग्रेस ने भी 1923 के काकीनाडा अधिवेशन में सावरकर जी के लिए रिजोल्यूशन पास किया था।
केंद्रीय मंत्री ने एक डाट टिकट की फोटो भी ट्विटर पर शेयर की और लिखा कि यह भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के लिए वीर सावरकर के प्रयासों को स्वीकार करने के लिए पीएम के रूप में इंदिरा गांधी के कार्यकाल के दौरान जारी किया गया डाक टिकट है।
केंद्रीय मंत्री ने एक चिट्ठी की तस्वीर भी शेयर की और लिखा कि भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के लिए वीर सावरकर की लड़ाई और योगदान को स्वीकार करते हुए पूर्व पीएम इंदिरा गांधी जी की ओर से लिखा गया पत्र है। उन्होंने कहा कि जब इंदिरा गांधी भारत की प्रधानमंत्री थीं, तब वीर सावरकर पर एक डॉक्यूमेंट्री जारी किया गया था जिसमें भारत सरकार द्वारा सावरकर की वीरता, बलिदान और राष्ट्र के लिए निस्वार्थ सेवा को स्वीकार किया गया था।
सोचिए, जिस महान व्यक्तित्व वीर सावरकर के सम्मान में उनकी दादी ये सब करती हों, उस दौर के किसी भी महापुरुष ने उनके बारे में गलत ना बोला हो.. आज राहुल गांधी ये सब बोलते हैं, तो वो दरअसल सावरकर का नहीं अपनी दादी का, नेताजी बोस का, भगत सिंह और यहां तक कि गांधीजी का भी अपमान कर रहे हैं।