श्रीहरिकोटा से लॉन्च हुआ आदित्य-एल1, जानें सूर्य मिशन के बारे में सब कुछ

नई दिल्ली। चंद्रयान-3 की सफलता के बाद अब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) सूर्य के लिए उड़ान भर दी है। इसरो ने आज अपना पहला सूर्य मिशन आदित्य एल-1 को लॉन्च कर दिया। यह स्पेसक्राफ्ट PSLV-C57 रॉकेट के जरिए आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च हुआ। यह सूरज की स्टडी करने वाला भारत का मिशन है।
आदित्य-एल1 127 दिनों के बाद अपने पॉइंट एल1 तक पहुंचेगा। जो पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर है। ये उपग्रह 24 घंटे सूर्य की गतिविधियों का अध्यन करेगा। भारत के इस पहले सौर मिशन के जरिए इसरो सूर्य का अध्ययन करेगा। चंद्रयान-3 मिशन की तरह ही इसरो के सूर्य मिशन पर भी दुनियाभर की नजरें टिकी हुई हैं।
इस मिशन से क्या फायदा होगा
इसरो के मुताबिक, सूर्य हमारे सबसे करीब मौजूद तारा है। यह तारों के अध्ययन में हमारी सबसे ज्यादा मदद कर सकता है। इससे मिली जानकारियां दूसरे तारों, हमारी आकाश गंगा और खगोल विज्ञान के कई रहस्य और नियम समझने में मदद करेंगी। हमारी पृथ्वी से सूर्य करीब 15 करोड़ किमी दूर है। आदित्य एल1 वैसे तो इस दूरी का महज एक प्रतिशत ही तय कर रहा है, लेकिन इतनी सी दूरी तय करके भी यह सूर्य के बारे में हमें ऐसी कई जानकारियां देगा, जो पृथ्वी से पता करना संभव नहीं होता।
कितना मुश्किल होगा भारत का यह मिशन?
जानकारी के अनुसार, आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान को सौर कोरोना (सूर्य की सबसे बाहरी परतों) के दूरस्थ अवलोकन और एल-1 (सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंजियन बिंदु) पर सौर हवा के यथास्थिति अवलोकन के लिए बनाया गया है। एल-1 पृथ्वी से करीब 15 लाख किलोमीटर दूर है।