मध्यप्रदेशराज्य

प्रधानमंत्री के फाइव एफ विजन से मध्यप्रदेश परिधान और वस्त्र उद्योग का बनेगा वैश्विक केन्द्र : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

पीएम मित्रा पार्क से मध्यप्रदेश के टैक्सटाइल क्षेत्र को मिलेगी नई ऊँचाइयाँ
मेड इन एमपी-वियर एक्रॉस द वर्ल्ड राज्य का औद्योगिक मिशन
मुख्यमंत्री ने बीएसएल के अंतर्राष्ट्रीय सोर्सिंग लीडर्स के साथ की राउंड टेबल बैठक
राज्य सरकार – बीएसएल के बीच हुआ एमओयू

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के 5 एफ विजन को ध्यान में रखते हुए मध्यप्रदेश परिधान और वस्त्र उद्योग में ‘फार्म टू फाइबर, फाइबर टू फैक्ट्री, फैक्ट्री टू फैशन और फैशन टू फॉरेन’ की समूची वैल्यू चेन को एकजुट कर वैश्विक केंद्र बनने की ओर अग्रसर है। प्रदेश के धार जिले में स्थापित होने वाले “पीएम मित्रा पार्क” से प्रदेश में टैक्सलाइल क्षेत्र को नई ऊँचाइयाँ मिलेंगी। राज्य में ऑर्गेनिक कॉटन का सुदृढ़ आधार, आधुनिक टेक्सटाइल/गारमेंट क्षमताएं, प्रचुर ग्रीन एनर्जी, स्थिर नीति वातावरण और तेज़ फैसले लेने की प्रशासनिक संस्कृति उद्योगों को वह भरोसा देती है, जिससे वैश्विक ब्रांड्स मध्यप्रदेश में निवेश लिए आकर्षित होते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘मेड इन एमपी – वियर एक्रॉस द वर्ल्ड’ केवल एक नारा नहीं, बल्कि राज्य का औद्योगिक मिशन है, जिसके तहत प्रदेश के उत्पादों की वैश्विक बाजारों तक प्रतिस्पर्धी पहुंच सुनिश्चित की जा रही है। टेक्सटाईल्स एवं गारमेंट सेक्टर से किसान महिला, युवा एवं गरीब वर्गों का सशक्तिकऱण हो रहा है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गुरूवार को मुख्यमंत्री निवास समत्व भवन में बीएसएल के अंतराष्ट्रीय सोर्सिंग लीडर्स के साथ राउण्ड टेबल बैठक की। इस अवसर पर राज्य सरकार और बीएसएल के बीच एमओयू भी हुआ।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बैठक में उपस्थित अंतर्राष्ट्रीय ब्रांड प्रतिनिधियों और सोर्सिंग प्रमुखों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश ने प्रधानमंत्री के 5 एफ विज़न को जमीनी रूप दिया है। दिल्ली में 31 जुलाई को हुई पहली बैठक को उन्होंने “संकल्प से सफलता तक” की यात्रा का प्रारंभ बताया और कहा कि भोपाल की यह बैठक उस संकल्प को ठोस परिणामों में बदलने का अवसर है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि धार में 2,177 एकड़ में पीएम मित्रा स्थापित किया जा रहा है। जल्द ही प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा इसका भूमि पूजन किया जाएगा। भूमि-पूजन से पूर्व ही 16 हजार करोड़ रु. से अधिक के निवेश अभिरुचि-पत्र प्राप्त हो चुके हैं। टैक्सटाइल सेक्टर में अब तक प्रदेश के 3,513 करोड़ रूपये से अधिक का निवेश प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश को निवेश फ्रेंडली स्थल बनाने के लिए सरकार ने कई नीतियां बनाई हैं। उद्योग संबंधी 29 अनुमतियों को कम करके अब 10 कर दिया गया है। उद्योग स्थापना के लिए 30 दिन में प्रक्रियाओं का निष्पादन किया जा रहा है। प्रदेश में सिंगल विंडो सिस्टम है, जिससे कोई फाइल अटके नहीं और कोई निर्णय रुके नहीं। कई गैर जरूरी कानूनों को समाप्त कर दिया गया है, जिससे निवेशकों को ईज ऑफ डूईंग बिजनेस का आदर्श माहौल उपलब्ध कराया जा सके। साथ ही निवेशकों को कई निवेश प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं, जिसमें सस्ती दर पर बिजली, पानी, भूमि तथा ब्याज सब्सिडी शामिल हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश सामाजिक, सांस्कृतिक और पुरातात्विक रूप से समृद्ध प्रदेश है। यहां सांची के स्तूप एवं मानव विकास के अंकुरण के समय के शैलचित्र युक्त भीमबैठका, महाकाल जैसे प्रसिद्ध स्थल हैं। उन्होंने कहा कि यहां पर जन और जंगल सह अस्तित्व से रहते हैं। कई बार बाघ शहर की सड़कों पर सैर करता हुआ भी दिख जाता है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने महिला सशक्तिकरण को उद्योग विकास का मूल बताया। उन्होंने बताया कि परिधान उद्योग में महिला कार्यबल की भागीदारी बढ़ाने के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रति महिला कर्मचारी 5 हजार रूपये वार्षिक प्रोत्साहन, कार्यस्थलों के निकट महिला छात्रावास और क्रेच और सुरक्षित परिवहन की व्यवस्था लागू की जा रही है। उन्होंने कहा कि GOTS-प्रमाणित जैविक कपास में मध्यप्रदेश की बढ़त वैश्विक ईएसजी लक्ष्यों को साधने में ब्रांडों की सीधी भागीदार बनेगी। मुख्यमंत्री ने ऊर्जा क्षेत्र में राज्य की श्रेष्ठता रेखांकित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश सरप्लस बिजली वाला राज्य है। दिल्ली की मेट्रो मध्यप्रदेश की बिजली पर चल रही है। प्रदेश प्रतिस्पर्धी दरों पर ऊर्जा उपलब्ध करा रहा है। मध्यप्रदेश देश में सबसे कम दर पर बिजली दे रहा है। प्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा का तीव्र विस्तार हो रहा है, जिससे उद्योगों के लिए ग्रीन सप्लाई-चेन संभव हो रही है। एविएशन नीति के अंतर्गत अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों पर प्रति फ्लाइट 15 लाख रूपये तक की सब्सिडी, नए एयर रूट्स और हाल ही में बढ़ी हवाई कनेक्टिविटी से एक्सपोर्ट-लॉजिस्टिक्स को ठोस बढ़ावा मिला है।

मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास के साथ अपने सामाजिक दायित्वों का भी बखूबी निर्वहन कर रहा है। देश में एयर एम्बुलेंस शुरु करने वाला मध्यप्रदेश पहला राज्य है। यहां नागरिकों सामाजिक सुरक्षा के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार हो रहा है।

बीएसएल और राज्य सरकार के बीच हुआ एमओयू

बैठक में राज्य सरकार और बीएसएल (बायर सोर्सिंग लीग) के बीच एमओय़ू भी हुआ। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह एमओयू केवल दस्तावेज नहीं, बल्कि विश्वास का प्रमाण है, जो मध्यप्रदेश को ‘पसंदीदा सोर्सिंग डेस्टिनेशन’ और ‘प्रोडक्शन हब’ बनाने में मील का पत्थर सिद्ध होगा। राज्य सरकार और बीएसएल के बीच एमओयू के तहत सोर्सिंग–प्रोडक्शन–लॉजिस्टिक्स–डिजाइन–कौशल विकास जैसे क्षेत्रों में साझा कार्ययोजना तैयार की जाएगी। पीएम मित्रा पार्क, क्लस्टर-लिंक्ड सपोर्ट, ब्रांड-इंगेजमेंट रोडशो, निर्यात संवर्धन और ईएसजी-लिंक्ड निवेशों पर केंद्रित टास्कफोर्स गठित कर समयबद्ध क्रियान्वयन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योगों की आवश्यकताओं पर त्वरित निर्णय होंगे। राज्य आश्वस्त करता है कि निवेश, उत्पादन और रोजगार तीनों मोर्चों पर अपेक्षित सहयोग उपलब्ध कराया जाएगा।

वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार मध्यप्रदेश : प्रमुख सचिव श्री सिंह

प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन श्री राघवेन्द्र सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश का लक्ष्य वैश्विक सोर्सिंग डेस्टिनेशन के रूप में निर्णायक उपस्थिति दर्ज कराना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य ने उद्योग केंद्रित 18 से अधिक नीतियों के माध्यम से पूंजी निवेश प्रोत्साहन, ब्याज व बिजली शुल्क में रियायत, स्टाम्प ड्यूटी/एसजीएसटी रिफंड, ­एम्प्लॉयमेंट-लिंक्ड इंसेंटिव, कौशल प्रशिक्षण व क्लस्टर विकास जैसे व्यापक प्रावधान सुनिश्चित किए हैं। सिंगल-विंडो सिस्टम, अनुमतियों की संख्या में युक्तियुक्त कटौती और 30 दिन की समय-सीमा से ‘स्पीड ऑफ डूइंग बिज़नेस’ मध्यप्रदेश की विशिष्ट पहचान बन चुका है।

प्रमुख सचिव श्री सिंह ने बताया कि पीएम मित्रा पार्क (धार) में प्लग-एंड-प्ले फेसीलिटी, कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट, डिजाइन/टेस्टिंग लैब्स, लॉजिस्टिक हब, आधुनिक वेयरहाउसिंग तथा मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी उपलब्ध कराई जा रही है। राज्य में सुदृढ़ सड़क–रेल–हवाई नेटवर्क, सूझबूझ से विकसित औद्योगिक क्षेत्रों और ड्राई पोर्ट/एयर-कार्गो सुविधाओं के साथ निर्यात-उन्मुख इकाइयों को त्वरित, विश्वसनीय सप्लाई-चेन सपोर्ट मिलता है। उन्होंने कहा कि राज्य ग्रीन एनर्जी सरप्लस है; सौर और पवन परियोजनाओं के तीव्र विस्तार से उद्योगों को विश्वस्तरीय प्रतिस्पर्धी लागत पर स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने प्रदेश में सरकार द्वारा टेक्सटाइल एवं गारमेंट्स सेक्टर में किए जा रहे प्रयासों, निर्यात संवर्धन के लिए राज्य-स्तरीय निर्यात प्रोत्साहन, ब्रांडिंग–मार्केटिंग सहायता, विदेशी बाजारों में बीटूबी कनेक्ट और ‘डिजाइन से डिलीवरी’ तक समर्थन तंत्र का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि ऑर्गेनिक कॉटन के वैल्यू-एडेड प्रोडक्ट्स, रिसाइक्लिंग–सर्कुलेरिटी, वाटर रीयूज़ और कार्बन-न्यूट्रल प्रोडक्शन जैसी पहलों को नीति-स्तर पर प्राथमिकता दी गई है, जिससे मध्यप्रदेश को ‘मोस्ट सस्टेनेबल टेक्सटाइल हब’ के रूप में स्थापित किया जा सके।

‘मेड इन एमपी’ को वैश्विक ब्रांड बनाने बीएसएल के सदस्यों ने दिये सुझाव

बैठक में बीएसएल के प्रतिनिधियों ने उद्योग के विभिन्न पहलुओं पर व्यावहारिक सुझाव दिए। बीएसएल के संस्थापक सदस्य श्री रमन ने बताया कि बीएसएल संगठन एक नॉन-प्रॉफिट प्लेटफॉर्म है, जिसमें 4,507 से अधिक सदस्य जुड़े हैं। इसके 13 अंतर्राष्ट्रीय चैप्टर्स यूरोप, जापान सहित कई प्रमुख देशों में हैं। बीएसएल की प्राथमिकता भारतीय उद्योग को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के अनुरूप सशक्त बनाना और ब्रांड–सोर्सिंग–प्रोडक्शन के बीच मजबूत सेतु तैयार करना है।

श्री नीरज नागपाल ने कहा कि मध्यप्रदेश पायलट राज्य बनकर तत्काल समाधान लागू कर सकता है, जिससे नीति-स्तर के सुधारों का लाभ उद्योग इकाइयों तक तेज़ी से पहुँचे। उन्होंने ‘डिजाइन-टू-डिलीवरी’ मॉडल को संस्थागत रूप देने और ‘सर्कुलैरिटी ऑफ फैशन’ के लिए राज्य-समर्थित फ्रेमवर्क की आवश्यकता रेखांकित की।

श्री तेजस (पीवीएच, ग्लोबल सस्टेनेबिलिटी) ने कहा कि राज्य में सस्टेनेबल मैन्युफैक्चरिंग के लिए ईकोसिस्टम परिपक्व है। रीसाइक्लिंग, वाटर रीयूज़ और नवकरणीय ऊर्जा आधारित उत्पादन को नीतिगत प्रोत्साहन के साथ ‘एमपी– मोस्ट सस्टेनेबल टेक्सटाइल हब’ के रूप में म.प्र. को ब्रांड किया जा सकता है।

श्री तपन बंसल (मदरकेयर) ने सप्लाई-चेन इंटीग्रेशन, तेज़ अनुमतियों और टेस्टिंग–क्वालिटी सर्टिफिकेशन लैब्स के विस्तार पर जोर दिया, जिससे शिशु/बच्चों के परिधान जैसे संवेदनशील सेगमेंट्स में वैश्विक मानकों का पालन और तेज़ निर्यात संभव हो।

डॉ. किरुबा देवी ने आर्टिजन–हैंडलूम क्लस्टर्स के साथ आधुनिक गारमेंटिंग यूनिट्स को ‘डिजाइन और मार्केटिंग सपोर्ट’ से जोड़ने का सुझाव दिया, जिससे पारंपरिक कौशल का आधुनिक फैशन से समन्वय हो और वैश्विक प्रीमियम सेगमेंट्स में ‘मेड इन एमपी’ की पहचान बने।

श्री श्रेयस्कर ने ऑर्गेनिक रॉ कॉटन पर कस्टम ड्यूटी स्ट्रक्चर का पुनरावलोकन और रेडी गारमेंट के ड्यूटी-फ्री एक्सेस का लाभ उठाने के लिये ‘रॉ–टू–रैक’ तेज़-मार्ग (फास्ट ट्रैक) का प्रस्ताव रखा।

बीएसएल के प्रतिनिधियों ने बताया कि संगठन के सदस्य ‘ब्रांड हेड्स, सोर्सिंग हेड्स और प्रोडक्शन हेड्स’ के रूप में वैश्विक स्तर पर कार्यरत हैं। मध्यप्रदेश में स्पेशलाइज्ड टेक्सटाइल पार्क्स, हाई-टेक गारमेंटिंग यूनिट्स, डिजाइन–इननोवेशन सेंटर और ग्लोबल मार्केटिंग कैंपेन के समेकित खाके से ‘मेड इन एमपी’ को प्रमुख फैशन एवं रिटेल बाजारों में तेज़ी से स्थापित किया जा सकता है।

बैठक में हनेसब्रांड्स, पीवीएच कोर्प, केयर फोर एशिया लिमिटेड., पूमा, मदरकेयर, जिवामे सहित 15 से अधिक शीर्ष वैश्विक ब्रांड्स के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। प्रदेश के प्रमुख टेक्सटाइल व गारमेंट उद्योगपतियों ने भी विचार साझा किए। यह सर्वसम्मति भी बनी कि मध्यप्रदेश में कच्चे माल से लेकर तैयार परिधान तक का संपूर्ण उत्पादन-चक्र, ग्रीन एनर्जी, किफायती लागत और तेज़ अनुमति मिलकर वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बढ़त प्रदान करती हैं।

बैठक में प्रदेश के परिधान और वस्त्र क्षेत्र से जुड़े प्रमुख उद्योगपतियों एवं ब्रांड प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इनमें वर्धमान टेक्सटाइल्स के संयुक्त प्रबंध निदेशक श्री नीरज जैन, बैस्ट लाइफस्टाइल अपैरल प्रा. लि. के प्रबंध निदेशक श्री आर. राजकुमार, सागर मैन्युफैक्चरर्स प्रा. लि. के प्रबंध निदेशक श्री सिद्धार्थ अग्रवाल, मराल ओवरसीज लिमिटेड के प्रेसिडेंट श्री तरुण बलदुआ, भास्कर इंडस्ट्रीज प्रा. लि. के निदेशक श्री अखिलेश राठी, न्यू ज़ील फैशन वियर प्रा. लि. के प्रबंध निदेशक श्री रोहित त्रिवेदी, लायन फैब्रिक्स प्रा. लि. के प्रबंध निदेशक श्री हिमांशु ठकराल, सेफफ्लेक्स इंटरनेशनल लि. के वाइस प्रेसिडेंट (वाणिज्य) श्री जी.के. सिंह, प्रतिभा सिंटेक्स के प्रबंध निदेशक श्री श्रेयास्कर चौधरी, गोकलदास एक्सपोर्ट्स आचारपुरा प्रा. लि. के कार्यकारी निदेशक श्री प्रभात कुमार सिंह, कशीदा अपैरल्स प्रा. लि. के प्रबंध निदेशक श्री सिद्धार्थ बिंद्रा, नाहर स्पिनिंग मिल्स लि. के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट श्री डी.के. मुंद्रा, ट्राइडेंट लिमिटेड (ट्राइडेंट ग्रुप) के वाईस प्रेसिडेंट श्री अजातशत्रु शर्मा, ग्रासिम इंडस्ट्रीज लि. (एक्सेल फाइबर डिवीजन) के राज्य प्रमुख श्री संदीप जैन, लक्ष्मीपती ग्रुप के प्रबंध निदेशक श्री राकेश सरावगी और पैरागन अपैरल्स के प्रबंध निदेशक श्री रोशन बैंड शामिल हैं।

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