आंवला एकादशी 2022: करें ये उपाय दूर होगी आपकी हर परेशानी

फाल्गुन के महीने में शुक्ल पक्ष की एकादशी को आंवला एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन आंवले के पेड़ के पूजन का विशेष महत्व है। आंवले के पेड़ के पूजन को साक्षात भगवान विष्णु का पूजन माना गया है।
मान्यता है कि एकादशी के दिन ही ब्रह्मा जी के अश्रु श्रीहरि के चरणों में गिरकर आंवले के पेड़ में तब्दील हो गए थे। तब से इस एकादशी को आमलकी एकादशी के रूप में पूजा जाने लगा और इसमें नारायण की पूजा के साथ साथ आंवले के पेड़ का पूजन किया जाता है, साथ ही भगवान विष्णु को आंवला अर्पित किया जाता है। इस बार आंवला एकादशी 14 मार्च को है। मान्यता है कि इस दिन आंवले से जुड़े कुछ उपाय किए जाएं तो आपकी तमाम समस्याएं दूर हो सकती हैं।
बिजनेस ग्रोथ के लिए
अगर आप बिजनेसमैन हैं और आपको लगातार कुछ समय से लगातार घाटा मिल रहा है, तो आपको आंवला एकादशी के दिन एक आंवले का पौधा रोपना चाहिए। इस पौधे में जल देने के बाद इसका पूजन करें और इसके नीचे दीप प्रज्जवलित करें। कुछ समय में आपको प्रभाव दिखने लगेगा। जैसे जैसे पौधा बढ़ेगा, आपके बिजनेस में भी ग्रोथ तेजी से बढ़ने लगेगी। लेकिन पेड़ को लगाने के बाद इसकी सेवा जरूर करें।
विशेष मनोकामना पूर्ति के लिए
अगर आप कोई विशेष मनोकामना की पूर्ति चाहते हैं तो आंवला एकादशी के दिन नारायण की पूजा करें और अपनी मनोकामना को एक कागज पर लिखें। इसके बाद दो आंवले इस कागज पर रखें और प्रभु को समर्पित कर दें। इसके बाद प्रभु से अपनी कामना पूरी करने की प्रार्थना करें।
विपरीत परिस्थितियों में प्रभाव बनाने के लिए
अगर विपरीत परिस्थितियों को आप अपने पक्ष में लाना चाहते हैं, तो आप आंवला एकादशी के दिन आंवले के पेड़ पर जल देकर, पेड़ के नीचे एक दीपक प्रज्जवलित करें। पेड़ की जड़ के पास से मिट्टी लेकर अपने मस्तक पर तिलक करें और प्रभु से अपनी समस्याओं को दूर करने की प्रार्थना करें।
वैवाहिक जीवन की समस्या को दूर करने के लिए
अगर आपके वैवाहिक जीवन में कोई समस्या है तो एकादशी के दिन आंवले के पेड़ की पूजा करने के बाद पेड़ के तने पर सात बार सूत का धागा लपेटें। पेड़ के नीचे एक दीपक जलाएं और भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का ध्यान करते हुए उनसे अपने वैवाहिक जीवन की सभी समस्याओं को दूर करने की प्रार्थना करें।