योगी सरकार ने पेश किया दूसरे कार्यकाल का पहला बजट

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पहला बजट पेश किया है जिसमें महिला सुरक्षा, खिलाड़ियों और किसानों को ज्यादा महत्व दिया गया है। बजट 2022-23 काफी खास है क्योंकि इस बार 6 लाख 15 हजार 518 करोड़ 97 लाख का बजट पेश किया गया है जबकि पिछले साल साढ़े 5 लाख का बजट पेश किया गया था। इस बार का बजट अब तक का सबसे बड़ा पेपरलेस बजट है। बजट को वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने पेश किया।
बजट में बड़े ऐलान –
वित्त मंत्री ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा सुदृढ बनाये रखने के उद्देश्य से प्रदेश के सभी जनपदों के समस्त 1535 थानों पर महिला बीट आरक्षी नामित करते हुये “महिला हेल्प डेस्क ” की स्थापना की गयी है। ससम्मान उनकी शिकायतों का निराकरण कराया जा रहा है इससे महिलाओं में सुरक्षा की भावना जागृत हुई है, उनकी शिकायतों पर प्रभावी कार्यवाही तत्काल की जा रही है। प्रदेश के जनपदों में 2,740 महिला पुलिस कार्मिकों को 10,370 महिला बीटों का आवंटन किया गया।
उन्होंने कहा, लखनऊ, गोरखपुर और बदायूं में तीन महिला पीएसी बटालियन का गठन किया जा रहा है। प्रदेश के समस्त जनपदों में जनपद स्तर पर साइबर हेल्प डेस्क स्थापना की जा रही है। महिला सामर्थ्य योजना हेतु 72 करोड़ 50 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गयी है। बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओं के आवाहन में यू. पी.एस. ई. ई. 2018 की 100 टॉपर छात्राओं को लैपटॉप और 100 टॉपर एससी/एसटी छात्राओं को लैपटॉप प्रदान किया गया।
बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने निजी ट्यूबवेल के बिजली बिल में 50 प्रतिशत छूट का ऐलान किया। साल में दो मुफ्त रसोई गैस सिलेंडर के चुनावी वादे को पूरा कने के लिए भी बजट का प्रावधान किया गया। वित्त मंत्री ने कहा कि चीनी मिल स्थापना के लिए 380 करोड़ के बजट का प्रस्ताव है। बांदा कृषि विवि के लिए 8 करोड़ 58 लाख का प्रस्ताव है।
सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रानिक्स उद्योग नीति के अन्तर्गत 5 सालों में 40,000 करोड़ रूपये के निवेश और 04 लाख व्यक्तियों के लिए रोजगार सृजन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। मनरेगा योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में 26 करोड़ मानव दिवस का सृजन किया गया, जिसके सापेक्ष वित्तीय वर्ष 2022-23 में मनरेगा योजनान्तर्गत 32 करोड़ मानव दिवस सृजन किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
वित्त मंत्री ने बताया कि यूपी में प्रदेश में निजी निवेश के माध्यम से 01 करोड़ 81 लाख युवाओं को निजी क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराया गया। 60 लाख से अधिक युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ा गया। निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से विगत 05 वर्षों में युवाओं को 4।50 लाख सरकारी नौकरियों में लिया गया।
वहीं, मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना के अन्तर्गत वर्ष 2022-2023 में 800 इकाईयों की स्थापना कराकर 16000 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराये जाने का लक्ष्य। लगभग 3000 नर्सों को राजकीय मेडिकल कॉलेजों/अस्पतालों में नियुक्ति दी गयी और लगभग 10,000 सृजित किये गये हैं, जो आगामी वर्षों में भरे जाएंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि यूपी में जून 2016 में प्रदेश में बेरोजगारी की दर 18 प्रतिशत थी, जो अप्रैल 2022 में यह घट कर 2.9 प्रतिशत रह गयी है।